शैलेश कुमार की रिपोर्ट…..
जमशेदपुर : इसे व्यवस्था की मार कहें या सरकारी बाबुओं व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी। गांवों के विकास के दावों की पोल खोलती यह हकीकत तस्वीर हर किसी को झकझोर कर रख देगी। चतरा जिले के कुंदा प्रखंड मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूरी पर बसा है एक गांव है करिलगड़वा। 50 परिवार एवं लगभग 300 की आबादी वाले इस गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। दरअसल एक गर्भवती महिला कौशल्या देवी (पति महेंद्र गंझू) प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। नदी में पानी का बहाव तेज़ था, नदी के इस पार महिला को अस्पताल ले जाने के लिए वाहन लगी हुई थी लेकिन परिजन नदी में पानी के कम होने का इंतजार कर रहे थे।
घंटों बाद जब नदी में बहाव कम हुआ तब उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अब सवाल यह उठता है कि इस आधुनिक युग में भी एक अदद पुलिया के लिए लोगों को बरसात के दिनों में ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? ग्रामीणों ने बताया की प्रसव पीड़ा से महिला तड़प रही महिला की जान भी जा सकती थी। नदी पर पुल नहीं होने से प्रखंड मुख्यालय का संपर्क टूट जाता है। बीमार पड़ने या आपातकालीन स्थिति में वाहन गांव तक नहीं जा पाती है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत पुलिया निर्माण हेतु मांग की है।
