RANCHI : रांची में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य की समस्याओं, विकास की जरूरतों और लंबित मामलों को विस्तार से रखा। मुख्यमंत्री ने झारखंड की ओर से 31 अहम मुद्दों को उठाते हुए राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा जताई। बैठक में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
सांस्कृतिक विरासत और साझा समस्याएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू की धरती से अतिथियों का स्वागत करते हुए की। उन्होंने कहा कि बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड की साझा सांस्कृतिक विरासत हमें एकजुट करती है। हमारी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां भी समान हैं। ऐसे में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद राज्यों के बीच बेहतर तालमेल और सहयोग का मंच है।
31 प्रमुख मांगें रखीं
सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड की खनिज संपदा ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, लेकिन इसकी कीमत राज्य के लोगों ने चुकाई है। मुख्यमंत्री सोरेन ने बैठक में राज्य की ओर से 31 मांगें प्रस्तुत कीं। इनमें प्रमुख हैं…
1- साहिबगंज से रांची तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण, ताकि मल्टी-मॉडल टर्मिनल की कनेक्टिविटी सुधरे।
2- रांची मेट्रो रेल परियोजना को केंद्र की स्वीकृति।
3- मनरेगा मजदूरी दर में वृद्धि और भुगतान में तेजी।
4- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति घर करना।
5- जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्र से सहयोग।
6- सिंचाई परियोजनाओं के लिए वित्तीय साझेदारी।
7- झारखंड में रेलवे नेटवर्क के विस्तार और लंबित रेल परियोजनाओं को पूरा करने का आग्रह।
8- साहिबगंज में एयर कार्गो हब के लिए केंद्र से 100% पूंजीगत लागत का वहन।
9- नमामि गंगे योजना में झारखंड के अन्य शहरों को शामिल करने का प्रस्ताव।
10- कोल कंपनियों से बकाया 1.40 लाख करोड़ रुपये की वसूली में केंद्र की मदद।
11- माइंस क्लोजर और अवैध खनन पर सख्ती।
खनन प्रभावितों के लिए नीति में बदलाव की मांग
सीएम सोरेन ने खनन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी और कमजोर वर्गों पर खनन के नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने डीएमएफटी नीति में संशोधन कर खनन प्रभावितों को अधिक लाभ देने की मांग की।
केंद्रीय बलों की नियुक्ति पर यह डिमांड
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद से निपटने में झारखंड सरकार ने सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया है। उन्होंने केंद्र से मांग की कि केन्द्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति के एवज में राज्य से राशि की मांग नहीं की जाए, क्योंकि यह संयुक्त जिम्मेदारी है।
मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए मदद की अपील
उन्होंने कहा कि झारखंड में कुपोषण की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन इसे मजबूत करने के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के तहत 312 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र दी जाए। इसके अलावा RIMS-2 और छह नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए केंद्र से आर्थिक सहयोग की मांग की।
धार्मिक स्थलों को रामायण सर्किट में शामिल करने की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के धार्मिक स्थलों को रामायण सर्किट और बौद्ध सर्किट में शामिल किया जाए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, झारखंड-बिहार के बीच लंबित परिसंपत्ति बंटवारे का मुद्दा भी उन्होंने जोरशोर से उठाया।
केंद्र से ‘सहकारी संघवाद’ की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की भौगोलिक चुनौतियों और सामाजिक-आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को सहकारी संघवाद की भावना के तहत सहयोग करना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि इस बैठक से झारखंड के कई लंबित मुद्दों का समाधान निकलेगा।
मईयां सम्मान योजना का जिक्र
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत 18-50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और सामाजिक बदलाव का रास्ता खुला है।
