रांची : बिहार के बाद अब झारखंड में भी राजनीतिक संकट गहरा रहा है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है. नई दिल्ली के दौरे पर पहुंचे हेमंत सोरेन को झारखंड भवन में ही इडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने घेर लिया है. बताया जाता है कि उनका ड्राइवर को भी रोक लिया गया है और झारखंड भवन नई दिल्ली में सभी कर्मचारियों का मोबाइल भी ले लिया गया है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहां है इसका पता नहीं चल पा रहा.
इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सभी विधायकों को रांची में ही रहने को हिदायत दे दी है. सभी कूच कर गए हैं. बताया जाता है कि अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है तो तत्काल कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. अगर कल्पना सोरेन में किसी तरह की दिक्कत हुई तो सरायकेला से विधायक चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे है. बताया जाता है कि नई दिल्ली के दौरे पर मुख्यमंत्री शनिवार को निकले थे।
इधर, महागठबंधन के विधायकों को रांची आने को कहा गया है।बताया जा रहा है कि तीन बजे सभी विधायकों की अलग अलग बैठक होगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी। आपको बता दें कि पिछले तीन घंटे से दिल्ली में ईडी की टीम सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर मौजूद है। हालांकि सीएम हेमंत सोरेन नहीं मिले। ईडी के अधिकारी जमीन घोटाला मामले आवास के अंदर कागजात खंगाल रही है।
हेमंत सोरेन दिल्ली में कहा है ? जानकारी नहीं मिल सकी है। इधर, रांची में बीजेपी ऑफिस के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। इधर, भाजपा नेताओं के घरों पर भी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। खबर यह भी है कि कई स्थानों से ट्रेनिंग कर रहे हैं जवानों को भी वापस ड्यूटी पर बुला लिया गया है। साथ ही भाजपा के बड़े नेताओं के घर और दफ्तरों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।
सोमवार की सुबह में ही इडी के सहायक निदेशक के नेतृत्व में एक टीम और झारखंड भवन पहुंची और पूरे भवन को घेर लिया. झारखंड भवन में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनातकारी एड किती मंदिर प्रवेश कर गई और उसके बाद सभी का मोबाइल बंद कर दिया गया है. सभी मोबाइल जप्त किया गया है. अंदर क्या चल रहा है यह कोई जानकारी देने वाला नहीं है.
आईएसबी झारखंड की राजधानी रांची में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं. चारों ओर सुरक्षा के लिए पुलिस वालों को तैनात किया गया है. सूत्र बता रहे की शाम तक हेमंत सोरेन की गिरफ्तारा हो सकता है. हालांकि इडी के पास अगर पूरे प्रमाण नहीं रहे तो उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ा भी जा सकता है।