- आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करीब 1500 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपें। इन शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के जरिए हुई है। बता दें कि धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन भी किया गया और इस समारोह में ही नियुक्ति पत्र बांटे गए। इन टीचरों की नियुक्ति सात विषयों के लिए की गई है।
रांची। धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में शुक्रवार को नियुक्ति वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगभग 1,500 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
इस समारोह में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री बैद्यनाथ राम, मंत्री रामेश्वर उरांव तथा सत्यानंद भोक्ता भी उपस्थित रहे।
जेपीएससी के माध्यम से हुई परीक्षा
इन शिक्षकों की नियुक्ति राज्य के प्लस टू हाई स्कूलों के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से हुई है।
समारोह में उपस्थित महिलाएं
इनकी नियुक्ति सात विषयों में हुई है। इनमें हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, गणित, वाणिज्य, गणित तथा इतिहास सम्मिलित है। अन्य विषयों में चयनित शिक्षकों को पूर्व में ही नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है।
समारोह में मौजूद महिलाएं
अग्निशमन वाहनों को दिखाई हरी झंडी
इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 15 करोड़ रुपए की लागत से खरीदे गए 13 अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना के बाद हालत सामान्य हुआ कि हमारे विरोधियों का षड्यंत्र शुरू हो गया।
नियुक्ति पत्र वित्रण समारोह में मौजूद लोग
अलग आलम माध्यमों और संस्थानों के माध्यम से मुझे काम करने से रोकने के लिए षड्यंत्र किया। कभी कभी हम आदिवासी विरोधियों के षड्यंत्र को समझ नन्हीं पाते। इसी कारण मुझे पांच माह जेल में रहना पड़ा।
भाजपा पर बोला हमला
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये जितना भी षड्यंत्र करना है कर लें। इनके षड्यंत्र से ना कभी डरे हैं और ना कभी डरेंगे। वह अपने काम को अंजाम तक पहुंचाना जानते हैं। विरोधियों से लोहा लेना जानते हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शह मात का खेल आगे भी चलेगा।
उन्होंने उद्योग धंधों के निजीकरण करने का केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि एचईसी को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं है l। यह राज्य सरकार के अधिकार से भी बाहर है लेकिन केंद्र हमें इसे सुपुर्द कर दे तो इसकी तस्वीर भी बदलकर दिखा देंगे।
हेमंत ने कहा, सारे षड्यंत्र के बावजूद भी विपक्ष को न्यायालय में भूमि की खानी पड़ी । लेकिन यह शांत नहीं है और आगे भी शांत नहीं रहेंगे। इनकीन प्रवृत्ति ही ऐसे आचरण करने की है। लेकिन हम भी अपने आचरण से बाज नहीं आयेंगे और काम करते रहेंगे।