◆ मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों से कहा- आप अपनी क्षमता और दक्षता का इस्तेमाल राज्य के विकास के पहिए को आगे बढ़ाने में करें
◆ मुख्यमंत्री ने कहा – हमारी सरकार ने विभिन्न विभागों के विभिन्न संवर्गों के लिए नियुक्ति नियमावली बनाई और बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की
● नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं
● अधिकारी हो या आदेशपाल, सभी को एक नजरिए से देखती है सरकार
● व्यवस्था किसी एक व्यक्ति से नहीं बल्कि सभी की सामुदायिक भागीदारी से चलती है
● आज आपको नियुक्ति पत्र नहीं, सामाजिक दायित्व निभाने का अवसर प्राप्त हो रहा है
● नियुक्तियों के साथ पोस्टिंग में बरती जा रही पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता
RANCHI : आज का दिन आपके और आपके परिवार के लिए जितना खुशी और उत्साह का है, उतना ही हमारे लिए भी है। आप सभी सरकार के अभिन्न अंग के रूप में जुड़ रहे हैं। इसे सिर्फ एक नौकरी ना समझे बल्कि आपको सामाजिक दायित्व निभाने का अवसर प्राप्त हो रहा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप अपनी क्षमता और दक्षता का इस्तेमाल राज्य के विकास के पहिए को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज शौर्य सभागार, जैप -1, डोरंडा, रांची में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में नव चयनित 527 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।
राज्य गठन के 20 वर्षों तक ना तो नियुक्ति नियमावली बनी और ना ही नियुक्तियां हो सकी
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जब अलग राज्य बना तो कैडर विभाजन का मामला सामने आया। कई विभागों में वर्षों तक अधिकारियों और कर्मियों का कैडर विभाजन नहीं हो सका । ऐसी स्थिति में वर्षों तक टेंपरेरी व्यवस्था के तहत काम किसी तरह चलता रहा। कुछ पदों पर नियुक्तियां हुई तो उसे लेकर भी काफी उलझने आयीं। ऐसे में नियुक्तियों के नहीं होने का खामियाजा इस राज्य और यहां के नौजवानों को भुगतना पड़ा। हमारी सरकार जब बनी तो शुरुवाती 2 वर्षों तक कोरोना की वजह से सारी व्यवस्थाएं अव्यवस्थित हो गई। थी। इससे निजात पाने के बाद जब हमने विभागों की समीक्षा बैठक शुरू की तो पता चला कि बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों में पद रिक्त हैं। जब इसकी जानकारी प्राप्त की तो पता चला की विभिन्न विभागों के विभिन्न संवर्गों के लिए अबतक नियुक्ति नियमावली ही नहीं बनी है। ऐसे में हमारी सरकार ने तेज गति से सभी विभागों के सभी संवर्गों के लिए नियुक्ति नियमावली का गठन बहलियों का सिलसिला शुरू किया। अबतक विभिन्न विभागों में रिक्त हजारों पदों पर नियुक्तियां हो चुकी है और कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
आपकी नियुक्ति से हमारी शक्ति बढ़ी है, किसी एक व्यक्ति से व्यवस्था नहीं चलती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शिक्षक समेत विभिन्न विभागों में अलग-अलग पदों पर कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला है। आपके जुड़ने से हमारी शक्ति में और इजाफा हुआ है। इससे निश्चित तौर पर सरकार के कार्यों में गति आएगी। मेरा मानना है कि व्यवस्था किसी एक व्यक्ति से नहीं चलती है। जब तक सभी विभाग के सहकर्मी मिलजुलकर विकास का पहिया नहीं खींचेंगे, राज्य को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चाहे अधिकारी हो या आदेशपाल, सभी को सरकार एक नजरिए से देखती है।
नियुक्ति के साथ पदस्थापन में भी बढ़ती जा रही पूरी पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अब तक कई नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सम्मिलित होने का मौका मिल चुका है। इस दौरान हजारों युवाओं को अब तक नियुक्ति पत्र प्रदान कर चुके हैं। मैं आपको बताना चाहूंगा कि कई नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में अभ्यर्थियों के एक हाथ में जहां नियुक्ति पत्र था, वहीं दूसरे हाथ में पदस्थापन पत्र। इसमें सबसे बड़ी बात यह है उनका पदस्थापन लॉटरी के माध्यम से किया गया और सभी अभ्यर्थियों ने खुद अपने पदस्थापन की पर्ची निकाली। इस तरह नियुक्तियों के साथ-साथ पोस्टिंग में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
रिकॉर्ड समय में जेपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया पूरी हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद जेपीएससी की परीक्षा बिना किसी विवाद के रिकॉर्ड समय मे पूरी हुई। आज बीडीओ-, सीओ, डीएसपी और अन्य अधिकारी राज्य को अपनी सेवा दे रहे हैं । इससे पहले जेपीएससी की एक परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने कई वर्ष लग जाते थे और हर परीक्षा को लेकर विवाद बना रहता था। लेकिन हमारी सरकार ने जिस निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित की, उसमें बड़ी संख्या में गरीब युवाओं ने अपनी मेहनत की बल पर कामयाबी हासिल की।
गैर सरकारी क्षेत्र में भी हजारों युवाओं को नौकरी दिलाने का सफल प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के साथ-साथ गैर सरकारी क्षेत्र में भी हजारों युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है । आज देश और विदेश के कई बड़ी कंपनियों में ये नौजवान कार्य कर रहे हैं। वहां वे अपने हुनर और कार्य की बदौलत अपनी एक अलग पहचान बनाई है । हमारी सरकार इन कंपनियों में कार्य कर रहे नौजवानों का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड रख रही है।
बेहतर काम करने वाले अधिकारी और कर्मियों को पुरस्कृत करने की परंपरा शुरू हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य भर का भ्रमण लगाकर करते आ रहे हैं। इस दौरान कई जगहों पर देखने को मिला कि सीमित संसाधनों के बीच भी कई शिक्षक और अन्य कर्मी काफी बेहतर कार्य कर रहे हैं । ऐसे में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को पुरस्कृत करने की परंपरा शुरू होनी चाहिए, ताकि उनका उत्साह और मनोबल और ऊंचा हो। इसके लिए विभिन्न विभागों को आगे आना होगा
झारखंड उत्पाद सिपाही परीक्षा की शारीरिक दक्षता परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों की मौत दुःखद एवं चिंतनीय, इसकी वजहों को जानने का कर रहे प्रयास, केंद्र को पत्र लिखकर मांगी है मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के बाद पहली बार झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा के तहत अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जा रही है। शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान कुछ नौजवानों की हुई मौत काफी दुःखद और चिंतनीय है। इसके वजहों को जानना बेहद जरूरी है। हमारी सरकार नौजवानों के मौत मामले में पूरे तह तक जाने का प्रयास कर रही है। इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी मदद के लिए पत्र भेजा गया है।
किन-किन विभागों के लिए मिला नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर झारखंड कर्मचारी आयोग की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में सफल और अनुशंसित 527 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इनमें 120 पीजीटी और टीजीटी शिक्षक, 200 सहायक शिक्षक एवं 56 प्रयोगशाला सहायक के अलावा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 47, पथ निर्माण विभाग में 25, जल संसाधन विभाग में 49, नगर विकास एवं आवास विभाग में 28, वित्त, वाणिज्य कर एवं खाद्य आपूर्ति विभाग में एक-एक और रिम्स में तीन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला।
इस समारोह में मंत्री श्री रामेश्वर उरांव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बैद्यनाथ राम, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री हफीजुल हसन, राज्य सभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, विकास आयुक्त अविनाश कुमार, प्रधान सचिव मस्त राम मीणा, प्रधान सचिव सुनील कुमार, प्रभारी सचिव उमा शंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन और माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्कर्ष गुप्ता उपस्थित रहे।