BOKARO : कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब विधायक के दो पैन नबंर और एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड मामले में चास के एसडीओ ने नोटिस जारी कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बोकारो विधायक श्वेता सिंह को चास एसडीओ प्रांजल ढांडा ने नोटिस थमा दिया है. यह नोटिस कांग्रेस नेता द्वारा चार मतदाता पहचान पत्र रखने से संबंधित दर्ज शिकायत को लेकर जारी किया गया है. भेजे गए पत्र के अनुसार, एसडीओ ने श्वेता सिंह को इस मामले में तीन जून को अपना पक्ष रखने को कहा है.
बिरंची नारायण ने की थी शिकायत
गौरतलब है कि बीते दिनों, बोकारो से भाजपा के पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने चुनाव आयोग से बोकारो विधायक श्वेता सिंह द्वारा चार मतदाता पहचान पत्र रखने की शिकायत की थी. इसके बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बोकारो डीसी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था.
SDO ने बिरंची नारायण को भी भेजा नोटिस
एसडीओ ने शिकायतकर्ता बिरंची नारायण को भी नोटिस जारी कर तीन जून को शिकायत से संबंधित पक्ष साक्ष्य व दस्तावेज के साथ रखने के लिए कहा है. मालूम हो की लगातार बोकारो विधायक श्वेता सिंह पर दो पैन कार्ड रखने के मामले में जांच का दायरे बढ़ते जा रहा हैं. इस संबंध में राज्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय की ओर से आयकर विभाग को एक चिट्ठी लिखकर श्वेता सिंह के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिया गया हैं.
वहीं श्वेता सिंह के पास 2 पैन नंबर और अलग अलग वोटर आईडी का मामला विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के पास भी पहुंच चुका है और उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग भी की गई है. हालांकि इस मामले में स्पीकर की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है.
17 मई को हुआ था मामले का खुलासा
गौरतलब है कि 17 मई को कई न्यूज चैनलों में ये खबरें चली कि विधायक श्वेता सिंह के पास दो पैन कार्ड और चार वोटर कार्ड का मामला सामने आया. इतना ही नहीं दोनो पैन नबंर पर दर्ज नाम की स्पेलिंग भी बिल्कुल अलग अलग बताई गई. साथ ही पिता के नाम भी दोनों ही पैन नबंर पर अलग अलग पाए गए. इसके अलावा बीएसएल क्वार्टर का 45 हजार रुपये बकाया है. बावजूद उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में किसी भी तरह के बाकाया होने की पुष्टि नहीं की थी. जिसके बाद से ही यह मामला काफी गहराने लगा है.
बहरहाल, अब देखना होगा कि चास एसडीओ के द्वारा नोटिस जारी किया है. उस पर विधायक श्वेता सिंह क्या जवाब देती है, साथ ही यह भी देखना बेहद दिलचस्प होगा कि आयकार विभाग चुनाव आयोग को इसी मामले में क्या रिपोर्ट सौंपता है.