प्रयागराज। आपने अक्सर कुंभ के मेले में बिछड़ने वाली कहावत तो सुनी होगी लेकिन, इस बार कुंभ मेला एक परिवार के मिलने का कारण बन सकता है। दरअसल, 29 जनवरी को झारखंड के धनबाद जिले के एक परिवार ने दावा किया था कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में उन्हें उनका खोया हुआ सदस्य गंगासागर यादव मिल गया है।गंगासागर अब 65 साल के अघोरी बाबा हैं। गंगासागर यादव करीब 27 साल पहले अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों को छोड़कर घर से भाग गया था। फिर वह कभी घर नहीं लौटा।परिवार का कहना है कि गंगासागर यादव 1998 में पटना जाने के बाद अचानक लापता हो गए थे और तब से उनका कोई पता नहीं चला। इस दौरान उनकी पत्नी धनवा देवी को दो बेटों कमलेश और विमलेश का अकेले ही पालन-पोषण करना पड़ा।
शरीर पर मिले चोट के निशान
गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने बताया कि सालों से हमें उम्मीद थी कि हम उसे कभी नहीं देख पाएंगे, लेकिन हमारे एक रिश्तेदार ने कुंभ मेले में गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति को देखा और उसकी फोटो भेजी। हम सभी तुरंत मेले में पहुंचे और बाबा राजकुमार से मिले, लेकिन उन्होंने अपनी पुरानी पहचान से इनकार करते हुए खुद को वाराणसी का साधु बताया। हालांकि, परिवार ने बाबा राजकुमार की पहचान गंगासागर के रूप में की और उनकी अलग पहचान जैसे लंबे दांत, माथे पर चोट के निशान और घुटने पर पुराना घाव भी बताया। ये निशान बाबा राजकुमार के शरीर पर भी हैं।
डीएनए टेस्ट की मांग
गंगासागर की पत्नी धनवा देवी और मुरली यादव ने कुंभ मेला पुलिस को मामले की जानकारी दी और उन्होंने बाबा राजकुमार से डीएनए टेस्ट की मांग की है। मुरली यादव ने कहा कि हम कुंभ मेला खत्म होने तक इंतजार करेंगे और जरूरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट कराएंगे। अगर टेस्ट में हमारा दावा सही साबित नहीं होता है तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे। अगर डीएनए टेस्ट से परिवार का दावा सही साबित होता है, तो वे कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।