सुकमा/बीजापुर । छत्तीसगढ़ से नक्सलियों से जुड़ी एक बड़ी खबर है। डेढ़ करोड़ के ईनामी नक्सली की मौत हो गई। नक्सलियों ने प्रेस रिलीज जारी कर नक्सली लीडर कटकम सुदर्शन की मौत की जानकारी दी है। कटकम सुदर्शन नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो का सदस्य था। देश में अबतक जितनी भी बड़ी नक्सली घटना हुई है, सभी में कटकम सुदर्शन को मास्टर माइंड माना जाता है।
कटकम सुदर्शन टेक्निकल में डिप्लोमा धारी था, लिहाजा कटकम ही हर बड़ी वारदात का तकनीकी पहलू को देखता था। यहां तक की नक्सली जो अत्याधुनिक हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल करते थे, वो सभी भी कटकम सुदर्शन ही देखता था। नक्सलबाड़ी, श्रीकाकुलम संघर्ष के बाद नक्सलियों की जो पहली पीढ़ी चर्चा में आई थी उस समय का यह सबसे बड़ा लीडर निकल कर सामने आया था। तब से लेकर अब तक लगभग 50 सालों तक नक्सल संगठन में सक्रिय रहा। सिंगरेणी, उत्तर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश दंडकारण्य इलाकों में काम किया था।
अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने इस पर लाखों रुपए का इनाम घोषित किया था।कटकम की मौत हार्ट अटैक से हुई है, नक्सलियों के हर बड़ी वारदात की रणनीति और प्लानिंग का उसे ही मास्टरमाइंड बताया जाता है। पोलित ब्यूरो मेंबर की मौत पर नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक 31 मई को माओवादियों के गोरिल्ला ज़ोन में आनंद उर्फ़ कटकम सुदर्शन की मौत हुई है।
माओवादियों ने आनंद की मौत पर देश भर में 5 जून से 3 अगस्त तक संस्मरण सभाएँ करने का आह्वान किया है। नक्सलियों ने प्रेस नोट में बताया है कि कटकम सुदर्शन की 31 मई को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट में हार्ट अटैक से मौत हुई है। प्रेसनोट के साथ-साथ पोलित ब्यूरो मेंबर कटकम सुदर्शन की मौत के बाद की तस्वीरें भी जारी की है।
बताया जा रहा है कि, पिछले कई महीनों से शुगर, बीपी, समेत अन्य बीमारियों से जूझ रहा था। इलाज के अभाव में 69 साल की उम्र में 31 मई की दोपहर 12:20 को इसने दम तोड़ दिया है। नक्सल संगठन के सदस्यों ने दंडकारण्य के जंगल में शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया है। अब 5 जून से 3 अगस्त तक पूरे देश में नक्सल संगठन में आनंद की याद में सभा का आयोजन किया जाएगा। सुदर्शन साल 2011 में हुए दंतेवाड़ा हमले का मास्टरमाइंट था, नरसंहार में 70 जवान शहीद हुए थे।
नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट और आनंद के शव की तस्वीर जारी की है। अभय ने बताया कि, बेलमपल्ली में आनंद जा जन्म हुआ था। पिछले 5 दशक (50) सालों से नक्सल संगठन का सदस्य था। इसने केंद्रीय कमेटी से लेकर आंध्र-तेलंगाना, CG, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में नक्सल संगठन की जिम्मेदारी संभाली थी। नक्सल संगठन को मजबूती देने, संगठन का विस्तार करवाने में माहिर था। इसकी मौत से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है।