जमशेदपुर : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में श्रीनिवास रामानुजन की पुण्यतिथि मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक प्रोफेसर Dr.जटा शंकर पांडे ने कहा की श्रीनिवास रामानुजन् बचपन से ही विलक्षण प्रतिभावान थे। इन्होंने खुद से गणित सीखा और अपने जीवनभर में गणित के 3,884 प्रमेयों का संकलन किया। इनमें से अधिकांश प्रमेय सही सिद्ध किये जा चुके हैं। इन्होंने गणित के सहज ज्ञान और बीजगणित प्रकलन की अद्वितीय प्रतिभा के बल पर बहुत से मौलिक और अपारम्परिक परिणाम निकाले जिनसे प्रेरित शोध आज तक हो रहा है, यद्यपि इनकी कुछ खोजों को गणित मुख्यधारा में अब तक नहीं अपनाया गया है। हाल में इनके सूत्रों को क्रिस्टल-विज्ञान में प्रयुक्त किया गया है। इनके कार्य से प्रभावित गणित के क्षेत्रों में हो रहे काम के लिये रामानुजन जर्नल की स्थापना की गई है। इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित थे अधिवक्ता निखिल कुमार, संस्थान के प्राचार्य जोयदीप पांडे , शान्ति राम महतो, पवन कुमार, गौरव महतो, निमाइ मण्डल आदि मौजूद थे।
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