मेरठ। करंट से 5 कावंड़ियों की मौत मामले में एक दर्दनाक कहानी सामने आया है। हादसे में 2 भाईयों की मौत हुई है, वहीं तीसरे की हालत नाजुक है। शादी के 12 साल बाद घर में पहली संतान हुई थी, तो मन्नत के तहत कांवड़ लेकर गांववालों के शिव भक्तों के साथ तीन भाई भी गये थे। अपने गांव लौट रहे थे, इसी दौरान करंट की चपेट में वो आ गये। हादसे में कुल तीन लोगों की मौत हो गयी।
कांवड़ यात्रा में करंट लगने से मारे गए दो भाइयों के पिता सुरेश ने बताया कि वो मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। सुरेश के तीन बेटे शनिवार को कांवड़ लेकर अपने गांव राली चौहान लौट रहे थे, जो मेरठ में पड़ता है, लेकिन करंट लगने से उनके दो बेटों हिमांशु और प्रशांत की मौत हो गई है।
पिता ने बताया कि उनके दोनों बेटे की उम्र 14 और 16 साल थी। वहीं उनके तीसरे बेटे विशाल इस हादसे में बुरी तरह से झुलस गए। उनका अस्तपाल में इलाज चल रहा है। सुरेश ने बताया कि उनका एक बेटा 12वीं में और एक बेटा 10वीं में पढ़ता था। दोनों ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. सुरेश बताते हैं कि वैसे तो उनके तीन बेटे हैं लेकिन वो हिंमाशु से सबसे ज्यादा प्यार करते थे। गांव में एक घर में शादी के 12 साल बाद संतान हुई थी, जिसके बाद सभी लोग गांव में कांवड़ लेकर आ रहे थे, इसी दौरान हादसा हो गया।
आपको बता दें कि हादसा शनिवार रात 8.30 बजे के आसपास हुआ। जब युवक अपने गांव राली चौहान लौट रहे थे। कांवड़ियों के साथ ऊंचा डीजे था, जो गांव के मंदिर के पास हाईटेंशन लाइन से टकरा गया, जिससे इसमें करंट उतर आया। मौके पर चीख-पुकार मच गई। कुछ लोगों ने घायलों को ट्रॉली से अलग किया। सूचना पर डीएम और एसएसपी मौके पर पहुंचे। घायलों को गंगानगर के आईआईएमटी, मेरठ के आनंद अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। घटना से गुस्साए गांववालों ने जाम लगा दिया। कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है। सीओ देवेश प्रताप चौहान ने बताया कि युवकों ने जेई से कहा था कि वो कांवड़ लेकर आ रहे हैं। 11 केवी की लाइन से बिजली सप्लाई बंद कर दी जाए। जेई ने कहा कि बिजली कट गई है। इसके बाद युवक कांवड़ लेकर आए। लेकिन बिजली कटी नहीं थी और हादसा हो गया।