अवैध बालू खनन पर कुणाल षाड़ंगी का प्रहार : अवैध बालू खनन पर कार्रवाई कर आईवाश करने का हेमंत सरकार काम कर रही है। यह बात प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कही। रविवार को जारी एक प्रेस बयान में उन्होंने कई व्यवहारिक सवाल उठाए हैं।
देखिए कैसे गरजे कुणाल षाड़ंगी बालू माफियाओं के खिलाफ।
उन्होंने हेमंत सरकार सरकार से पूछा है कि वह क्यों नहीं बताती कि आखिर क्यों बालू घाटों की नीलामी ढाई साल से नहीं हुई? इस बीच या तो सारे निर्माण कार्य ठप हैं या फिर जो भी निर्माण कार्य हो रहे वे अवैध तरीके से हो रहे हैं। ऐसे में जब -तब बालू लदी गाड़ियां जब्त हो रही हैं जिसका खामियाजा वे मजदूर भी उठा रहे जो बालू उठाव से जुड़े हैं। उनकी रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं और वे भूखमरी के कगार पर हैं। समस्या बालू उठाव की गाड़ियों के मालिकों को भी हो रही है जिन्हें गाड़ियों की किस्तें देनी है। बगैर चालान उनकी गाड़ियां जब्त हो जाती हैं। दूसरे राज्य के चालान के साथ बालू उठाव पर उसे झारखंड में वैध नहीं माना जाता। सवाल है कि लोग क्या करें? बैंक गाड़ी की किस्तों का दबाव बनाता है, गाड़ियां जब्त होने पर कार्रवाई होती है। सवाल है कि खनन के वैध कार्य को कौन सुनिश्चित करेगा? कौन मजदूरों की रोजी-रोटी के बारे में सोचेगा। क्या दूसरे राज्यों में विकास कार्य ठप होता है?क्या दूसरे राज्यों में ऐसा होता है कि सिर्फ अवैध वैध के नाम पर वसूली का खेल चलता रहे और मजदूर भूखमरी के कगार पर आ जाएं?
कुणाल षाड़ंगी ने पूछा है कि अगर ढाई सालों बालू घाटों की नीलामी नहीं तब तो वैध तरीके से कोई निर्माण ही नहीं हो रहा? तो क्या कार्रवाई के नाम पर प्रशासन को वैध अवैध का डर दिखाकर वसूली का एक जरिया दिया जा रहा है ताकि अधिकारी मालामाल होते रहे और गरीब मजदूरों की रोटी पर आफत रहे। उन्होंने सरकार से अविलंब बालू घाटों की नीलामी करने की मांग की है।
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि फिलहाल जो भी कार्रवाईयां हो रही है यह महज आईवाश है क्योंकि यह तब हो रही है जब खुद खनन लीज आवंटन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जांच के घेरे में हैं। जब आईएएस पूजा सिंघल और अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारियां चलने लगी और सरकार की पोल खुलने लगी तो आनन फानन में आईवाश करने के लिए सरकार कार्रवाईयां करने लगी और इतिश्री कर ली।