झारखंड में सरकार तो कई बार बनी लेकिन निर्मल महतो के विचार आज भी अधूरे रह गए है : खांदो देवी
निर्मल महतो को अबतक नही मिला शहीद का दर्जा और नाही मिला उचित सम्मान : कन्हैया सिंह
निर्मल दा के सपनो का झारखंड और प्रदेश का उज्ज्वल भविष्य आजसू के हाथो संभव : हरेलाल महतो
जमशेदपुर : बोड़ाम प्रखंड के मुकुरुडीह मोड़ जमशेदपुर में शहीद निर्मल महतो के जयंती पर प्रतिमा अनावरण आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रधान महासचिव सह पूर्व मंत्री झारखंड सरकार रामचंद्र सहिस के द्वारा हुआ. अनावरण के बाद एक सभा का आयोजन हुआ जिसमे आजसू पार्टी के नेताओं द्वारा अपने विचार रखे, उसके बाद ग्रामीणों ने छऊ नृत्य का आनंद लिए।
उक्त समारोह में पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने बताया की शहीद निर्मल महतो के ऊपर फूल चढ़ाने से बेहतर होता उसे सही न्याय दिला देते उसे सही सम्मान दिला देती सरकार, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं कर सकती है क्योंकि वर्तमान सरकार के मुखिया शहीदों के नाम बेचकर राजनीति करते है शहीदों के नाम से राज्य में लूट खसोट करते है, शहीदों के सम्मान से खिलवाड़ करती है , लेकिन सरकार की मंशा ऐसा नहीं है क्योंकि जब सरकार की मंशा ठीक होती तो हत्यारो के साथ साथ हत्या में साजिशकर्ता और उसके मुख्य वजहों का खुलासा कर देती लेकिन सरकार ऐसा नही करेगी और नाही इस राज्य के निर्माण में शहीद हुए आंदोलनकारियो इस राज्य के निर्माण में जेल गए आंदोलनकारियो, इस राज्य के निर्माण में लाठी गोली खाए आंदोलनकारियो तक को भी उचित सम्मान नही देना जानती है सरकार और इस बात का अंदेशा था शहीद निर्मल महतो को इसलिए उन्होंने अपने ही कार्यकाल में आजसू नामक आंदोलन की स्थापना किए और आज वही आंदोलन इस राज्य की जरूरत बन गई है और इस राज्य की जनता ने आजसू को मौका दिया इस क्षेत्र से आजसू पार्टी को सेवा करने का अवसर मिला तो पार्टी अपने किए वायदों को पूरा करने को दृढ़ संकल्पित है और उसका आज जीता जागता उदाहरण है मुकुरुडीह मोड़ पर शहीद निर्मल महतो की आदमकद प्रतिमा का अनावरण इसके लिए इस क्षेत्र की जनता को धन्यवाद और साधुवाद।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शहीद सुनील महतो की मां खांदो देवी ने कहा की झारखंड में तो कई बार सरकार बनी लेकिन निर्मल महतो के विचार आज भी अधूरे है और मुझे उम्मीद है उसे पूरा करने का कार्य आजसू ही करेगी क्योंकि निर्मल महतो को प्रेरणा स्रोत मान कर आजसू पूरे प्रदेश में निरंतर आगे बढ़ रही है ।
सभा में आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने वर्तमान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की आज निर्मल दा की जयंती है और राज्य के मुखिया लंबे चौड़े भाषण दे रहे होंगे लेकिन दुर्भाग्य है इस राज्य का जिनके सौजन्य से जिनके सोच और जिनके कल्पना से इस राज्य का निर्माण हुआ है उस महापुरुष को अबतक शहीद का दर्जा नहीं मिला और नाही उन्हें उचित सम्मान मिल पाया है क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा वालें शहीदों को सम्मान देना ही नही जानती है और अगर वीर शहीद निर्मल महतो को सम्मान दिया होता तो आजसू पार्टी की निर्माण नही होता क्योंकि निर्मल दा जानते थे कि झामुमो जब जब सत्ता में आएगी राज्य में सिर्फ लूट खसोट करेगी झामुमो सिर्फ यहां के युवाओं और महिलाओं को ठगने का काम करेगी झामुमो यहा के आदिवासी मूलवासी के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करेगी इसलिए उन्होंने अपने भावनाओ के अनुरूप राज्य के समुचित विकास , युवाओं के लिए प्रेरणा , महिलाओ के सुरक्षा , यहां के मूलवासी आदिवासी के साथ समता मूलक विकास पैमाना लिखेगी जाती मजहब को दरकाकिनार करते हुए सबका विकास सबका सम्मान के लिए आजसू का निर्माण किए थे उन्हें पता था कि शहीदों के सम्मान झामुमो नही बल्कि आजसू के हाथो होगा, इसलिए हम सभी को आज शहीद निर्मल दा के जयंती पर यह संकल्प लेंगे की आने वाला कल की सुबह आजसू पार्टी की होगी सुदेश महतो का होगा रामचंद्र सहिस का होगा।
कार्यक्रम में बतौर शामिल हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव सह ईचागढ़ विधानसभा प्रभारी हरेलाल महतो ने कहा की निर्मल दा के सपनो का झारखंड और इस पूरे प्रदेश का उज्ज्वल भविष्य की कल्पना मात्र आजसू के हाथो संभव है इस लिए आप सभी आजसू को मजबूत करने के लिए रामचंद्र सहिस जी के हाथो को मजबूत करे आने वाला दिन आपके सपनो का झारखंड और निर्मल दा के सोच और विचार से उपजे झारखंड का निर्माण होगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामचंद्र सहिस, खांदो देवी, कन्हैया सिंह, स्वप्न कुमार सिंहदेव, सागेन हांसदा, रविशंकर मौर्या, हरेलाल महतो, नंदू पटेल, जसबीर सिंह शीरे, संजय मलाकार, संजय सिंह, अप्पू तिवारी, प्रकाश विश्वकर्मा, अजय सिंह बब्बू, श्याम कृष्ण महतो, रामकृष्ण महतो, आदित्य महतो, संतोष सिंह, धर्मवीर महतो, अरूप मल्लिक, उमाशंकर सिंह, राहुल प्रसाद, मुकरुडीह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ललित हाँसदा,पंचायत समिति प्रतिनिधि अरुण महतो, अनिल चन्द्र महतो, सुभाष महतो आजसू पार्टी के वरिष्ठ नेता आदित्य महतो, मृतुंजय महतो, तरणी महतो, छूटूलाल सिंह, परमेश्वर महतो, नेपाल गोप, भोलानाथ महतो, प्रकाश गोप के साथ साथ क्षेत्र के बुद्धिजीवी, समाजसेवी, युवा, महिला एवं हजारों ग्रामीण मौजूद थे।