जमशेदपुर : समाजसेवी रवि जायसवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि बालिका सशक्तिकरण की प्रथम सीढ़ी बालिका शिक्षा है. बालिका शिक्षा से ही एक बेहतर समाज का निर्माण संभव है. बढ़ती जनसंख्या विकराल रूप धारण करती जा रही है. बेटियां जितना अधिक पढ़ेंगी, जनसंख्या का बोझ उतना कम होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालिका सशक्तिकरण के लिए हरियाणा के पानीपत से 22 जनवरी, 2015 को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी. पूरे देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को धरातली बनाना होगा. श्री जायसवाल ने कहा कि बेटी को पढ़ाना तो बाद की बात है. इससे पहले बेटी को बचाना होगा. बेटी बचाने से हमारा तात्पर्य यह है कि समाज में व्यापक लिंग भेद समाप्त किया जाए तथा भू्रण हत्या पर नकेल कसी जाए. बालिकाओं के प्रति छेड़छाड़ व ईव टीजिंग के मामले बढ़ रहे हैं. छेड़छाड और अपराध से तंग आकर लड़किया गलत कदम उठा रही है. और अपने आप को कमजोर और असहज महसूस कर रही है।
श्री जायसवाल ने कहा कि आज देश में कही न कही हर रोज बच्चियां, छात्राएं और महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही है. और इनपर अत्याचार करने वाले दरिंदे खुलेआम घूम रहें है. एक दो दिन या फिर कई दिन तक इसकी चर्चा होती हैं. फिर वह राज बनकर ही रह जाता है. में केंद्र सरकार और राज्य सरकार से विनती करता हूं कि लड़कियों महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कड़ा से कड़ा रुख अख्तियार किया जाए. इस तरह के अपराध करने वालों दरिंदों पर लगाम लगाया जा सके।