रांची : झारखंड में एक कॉलेज छात्रा के साथ पांच साल पुराने दोस्त ने रेप किया। कई लड़कों ने उस युवती को हवस का शिकार बनाया। इस घटना के ठीक दो महीने बाद फांसी के फंदे से लटक कर युवती ने जान दे दी। उसने दो पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा है। दरअसल, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में सेकंड ईयर की छात्रा के साथ 6 मार्च को हुए गैंगरेप के बाद 6 मई को की गई आत्महत्या के मामले में पुलिस जांच में जुटी है। सदर थाने की पुलिस को परिजनों से पूछताछ और सुसाइड नोट से कई अहम जानकारियां मिलीं हैं।
पता चला है कि गैंगरेप का मुख्य आरोपी कांके निवासी आनंद मिंज है। वह छात्रा के साथ आरटीसी स्कूल में पढ़ाई करता था। पांच साल से दोनों के बीच दोस्ती थी। आरटीसी से इंटर साथ करने के बाद छात्रा ने बीएयू में अपना नामांकन करा लिया था। दोनों के बीच दोस्ती थी। इसी वजह से छात्रा आरोपी के बुलावे पर उसके पास चली गई थी। परिजनों को आशंका है कि आरोपी आनंद ने इसी का फायदा उठाकर दोस्त के साथ मिलकर छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया होगा। परिजनों के अनुसार, छात्रा ने परिवार की बदनामी के डर से गैंगरेप की घटना को परिवार से साझा नहीं की और आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में इन सारी बातों का उल्लेख कर दिया। छात्रा सुसाइड नोट के माध्यम से आरोपी युवकों को सजा दिलाना चाहती थी। इसलिए ही उसने अपने साथ बीती घटना का उल्लेख नोट में किया है।
छात्रा की मां सीता मुंडा ने कहा कि अगर उनकी पुत्री घर में सामूहिक दुष्कर्म की बात कहती तो आरोपी सलाखों के पीछे रहता। एक महीने से उनकी पुत्री इतनी तकलीफ झेलती रही। दिनभर गुमसुम रहने के बावजूद उसने परिवार वालों को कुछ नहीं बताया। अगर वह कुछ भी बता देती तो शायद उनकी पुत्री आज जिंदा होती और आरोपी सलाखों के पीछे होता। मेरी बेटी घुटती रही, पहले बता देती तो आरोपी जेल में होता। सीता ने कहा है कि उनकी पुत्री के साथ जिसने घटना को अंजाम दिया है, उसे भी फांसी की सजा मिले।
पुलिस छात्रा के मोबाइल से कॉल रिकॉर्ड निकाल रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि छात्रा ने पांच मई को परिजनों से ही ज्यादा बात की थी। रात नौ बजे के बाद छात्रा ने किसी का फोन रिसीव नहीं किया। पुलिस का कहना है कि सभी नंबरों की जांच की जा रही है। जिन-जिन लोगों से छात्रा की पांच मई को बात हुई है, उन सभी से पूछताछ की जाएगी। पुलिस के अनुसार, किशुनपुर स्थित आवास में छात्रा के साथ उसकी मां, बहन और भाई व एक अन्य सदस्य रहते थे। पड़ोस में छात्रा के कई रिश्तेदारों का भी घर है। घटना से दो दिन पहले परिवार के सभी लोग किसी काम से रामगढ़ चले गए थे। छात्रा घर पर अकेली थी। पड़ोस में रहने वाली उसकी चचेरी बहन साथ में रहती थी। पांच मई को जब चचेरी बहन सोने के लिए छात्रा के घर गई तो उसने दरवाजा नहीं खोला। सुबह 9:30 तक छात्रा घर से बाहर नहीं आयी तो बहन ने परिजनों को जानकारी दी। दरवाजा तोड़कर लोग अंदर गए तो वह फंदे से लटकी थी।
बीएयू की छात्रा की आत्महत्या के मामले में सदर थाने में मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। छात्रा की मां सीता ने आनंद मिंज को आरोपी बनाया है। सीता ने कहा कि पांच मई की रात सभी लोग सोने के लिए चले गए। अगले दिन बेटी कमरे से बाहर नहीं आई तो सभी परेशान हो गए। ग्रिल गेट खोलने के बाद जब अंदर गए तो बेटी फांसी लगाकर लटकी हुई है। बेड के नीचे से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें आनंद मिंज नामक युवक द्वारा उसे प्रताड़ित करने की बात लिखी हुई थी। सीता का दावा है कि उनकी पुत्री प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है।
गैंगरेप से आहत 25 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश सह झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एसएन प्रसाद ने बुधवार को संज्ञान लिया है। उन्होंने डालसा रांची को तत्काल पीड़ित परिवार से मिलकर आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। इस निर्देश पर न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने डालसा सचिव कमलेश बेहरा को टीम गठित कर पीड़ित के परिवार से मुलाकात करने को कहा। टीम ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की और डालसा द्वारा दी जाने वाली निशुल्क विधिक सहायता प्रदान की गई। पीड़िता के परिवार को मुकदमा लड़ने में सहायता की जायेगी। विधिक सहायता देने के लिए अधिवक्ता ममता श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है। डालसा सचिव ने झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजा की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी गई।