सोशल मीडिया के नुकसान तो सभी गिनाते हैं, मगर फायदे की चर्चा बहुत कम सुनने को मिलते हैं. चलिए गाहे बगाहे ही सही कम से कम सोशल मीडिया के जरिए एक खोया बच्चा अपने मां- बाप से मिल गया.
जमशेदपुर : सरायकेला जिले के आदित्यपुर डीएवी एनआईटी के आठवीं कक्षा का छात्र सक्षम ठाकुर रविवार देर शाम अचानक घर से गायब हो जाता है. परिजन और पड़ोसी उसे ढूंढने निकलते हैं मगर जब कहीं कोई पता नहीं चला, तब परिजनों ने आरआईटी थाने में सनहा दर्ज कराया. उसके बाद सोशल मीडिया का सहारा लिया और व्हाट्सएप ग्रुप में मिसिंग की सूचना वायरल करवाई. रात करीब 9 बजे व्हाट्सएप ग्रुप में बच्चे के आदित्यपुर थाना अंतर्गत डीवीसी मोड़ के समीप होने की सूचना मिली, बच्चे के पिता और बाकी परिजन बेतहाशा वहां पहुंचते हैं, बच्चे की पहचान कर कलेजे को ठंडक पहुंचाते हैं, मगर परिजनों की खुशी एक झटके में गम में तब्दील हो जाती है जब बच्चे अपने मां- बाप को पहचानने से इंकार कर देता है, यहां तक कि उसे ये भी नहीं मालूम, कि वो कौन है, कहां रहता है, माता पिता का क्या नाम है, किस स्कूल में पढ़ता है वगैरह.
बहरहाल,,दूसरा पहलू यह भी प्रश्नचिन्ह पैदा करता है,की बच्चा कब घर से निकला,वह यहा रास्ता भटक कर आ गया,,न्यूज रिपोर्टर का क्या काम होता,खुद को पहचानना,पुलिस के नाम पर चुप हो जाना,,आखिर यह बच्चे की कैसी यादाश्त है, मतलब साफ है, कि कुछ और भी सच्चाई हो सकती है, आखिर ये कैसे संभव हो सकता है, डीएवी जैसे संस्थान का बच्चा शाम को 5:30 में कही अन्यत्र चला जाता है,और आधी रात को सड़क पर घर से दूर भटकते मिलता है, चलिए थोड़ी देर के लिए मान लिया जाए, कि वो पढ़ाई में कमजोर हो मगर इतना कमजोर तो नहीं हो सकता, कि उसे अपना, अपने माता- पिता अपने स्कूल तक का नाम नहीं पता हो. आखिर बच्चे को अचानक क्या हो गया और, अपने घर से करीब 10 किमी दूर पैदल अकेले कैसे आ गया ? बहरहाल पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है. वैसे मामले की जानकारी मिलते ही आरआईटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया, थाना प्रभारी मो तंजील खान ने बताया कि बच्चे का दिमागी संतुलन बिगड़ा हुआ लग रहा है उसे ईलाज के लिए भेजा जाएगा, उसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है कि माजरा क्या है. बच्चे की मां का कहना है, कि उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य और तेज है, अचानक उसे क्या हो गया,, बता नहीं सकती, इतनी दूर कैसे आ गया ये भी नहीं बता सकती. वो तो भला हो शनि भक्त मंडली के मुन्ना तिवारी का, जिन्होंने बच्चे को इधर- उधर सड़क पर भटकते देख उसे अपने चाय की दुकान पर बैठा लिया और व्हाट्सएप ग्रुप में बच्चे की तस्वीर और लोकेशन वायरल की तत्काल इलाके के लोग सक्रिय हुए और बच्चे के परिजनों तक जानकारी पहुंची और अंततः बच्चा सकुशल बरामबद हो गया. खैर अब ये तो बच्चा ही बताएगा, या डॉक्टर कि उसे हुआ क्या है. मगर जो भी हो इसकी तह तक पहुंचकर जांच की जरूरत है, ताकि दूसरे बच्चों के परिजन सजग रहें।