पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी कानून पर अपनी स्वतंत्र राय रखी है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि शराब बंदी कानून की एक बार फिर से समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने इस समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि ‘मेरे ही कहने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून की तीन बार समीक्षा की, अब एक बार फिर से इस कानून के समीक्षा की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि सफेदपोश रात में शराब पीते हैं तो पकड़ने नहीं जाते, वहीं आम लोग थोड़ी सी पी लें तो पुलिस उठा ले जाती है।
मांझी बोले- हम कानून के खिलाफ नहीं…..
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आज दिल्ली से पटना लौटे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। जीतन राम मांझी ने कहा कि वह शराबबंदी कानून के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसके गलत तरीके से क्रियान्वयन को लेकर उनकी चिंता है। बिहार सरकार में मंत्री रहे जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि शराबबंदी कानून को हम सभी लोगों ने मिलकर पास कराया है। इस कानून को लेकर हमारी सहमति रही है। उन्होंने कहा कि हम इस कानून को गलत नहीं कह रहे, लेकिन क्रियान्वयन गलत हो रहा है।
हजारों हजार लीटर शराब बेचने वाले बच जाते हैं : मांझी….
जीतन राम मांझी ने कहा कि जो लोग हजारों हजार लीटर शराब की तस्करी कर रहे हैं, वह लोग छूट जाते हैं। वहीं गरीब लोग जो थोड़ी बहुत पी लिया करते हैं, उन्हें ब्रीद एनालाइजर के जरिए पकड़ कर जेल में डाल दिया जाता है। जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि सफेदपोश रात में शराब पीते हैं तो नहीं पकड़े जाते हैं। जीतन मांझी ने कहा कि बिहार में 4 से पांच लाख गरीब लोगों पर शराबबंदी कानून के तहत मुकदमे हैं। शराब होम डिलीवरी के जरिए पहुंच रही है। नीतीश कुमार को इस कानून की चौथी बार समीक्षा करना चाहिए।