जमशेदपुर : शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड विधानसभा को लेकर 66 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही उम्मीदवारों के स्वागत और विरोध का दौर शुरू हो चुका है. बरसों से टिकट की आस लगाए बैठे वैसे उम्मीदवार जिन्हें टिकट नहीं दिया गया अब वे खुलकर पार्टी के खिलाफ बगावती रुख अख्तियार कर चुके हैं. इस फेहरिस्त में अब भाजपा के कद्दावर नेता और दो बार सरायकेला विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले प्रत्याशी गणेश महाली भी शामिल हो गए हैं।
तीन दिन पूर्व उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर जिला अध्यक्ष के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को बीजेपी का समर्पित कार्यकर्ता बताया था. मगर जैसे ही टिकट की घोषणा हुई उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
रविवार को उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने त्यागपत्र में अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुए लिखा है कि 25 वर्षों से भाजपा का एक सच्चा एवं निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में मैंने पार्टी और संगठन को तन मन धन के साथ दिन-रात मजबूत करने का कार्य किया. वर्तमान में पार्टी पहले जैसा नहीं रहा और अभी बाहर से आए लोगों की मनमानी चल रही है जिसके कारण मैं दुखी मन से पार्टी छोड़ रहा हूं. उन्होंने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा से टिकट मिलने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनकी बातचीत हुई है. विदित हो कि गणेश महाली खरसावां से टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे. मगर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के साथ पार्टी में शामिल होने वाले सरायकेला खरसावां जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा को टिकट दिए जाने के बाद बास्को बेसरा और अब गणेश महाली ने बगावत का रुख अख्तियार कर लिया है।