रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा आयोजित की गई सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा का पेपर लीक हुआ था या नहीं इसकी जांच झारखंड सीआईडी कर रही है. प्रारंभिक जांच में यह तथ्य उभर कर आया है कि झारखंड में सक्रिय कुछ ऐसे गैंग हैं जो हर हाल में सीजीएल परीक्षा को रद्द करवाने की मंशा के तहत काम कर रहे हैं. मामले की जांच फिलहाल जारी है. जिसमें हर दिन चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं.बड़े गैंग के सक्रिय होने की आशंकासीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी मामले को लेकर झारखंड सीआईडी की टीम को अब तक 60 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं. जिसमें कई डिजिटल एविडेंस आम लोगों के द्वारा पुलिस को उपलब्ध करवाए गए हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अधिकांश एविडेंस झारखंड पुलिस के किसी काम के नहीं है. पुलिस को किसी भी एविडेंस की पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है।
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच पर डीजीपी अनुराग गुप्ता का बयान
डीजीपी ने दी जानकारीझारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि व्हाट्सएप चैट, फोटोग्राफ और वीडियो रिकॉर्डिंग आम लोगों के द्वारा सीआईडी को भेजे गए हैं. जिनकी जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि ऐसे-ऐसे सबूत लोगों के द्वारा भेजे गए हैं जिनमें कुछ नहीं है. मसलन व्हाट्सएप चैट दिया गया है, लेकिन व्हाट्सएप नंबर नहीं है. प्रश्न पत्र हाथ में पकड़े हुए एक व्यक्ति है, लेकिन उसकी तस्वीर नहीं है.परीक्षा रद्द कराने की साजिश!झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता के अनुसार एग्जाम फाइटर जैसे कई गैंग किसी भी हाल में सीजीएल परीक्षा को रद्द करवाने की साजिश रच रहे हैं. डीजीपी ने बताया की हमने अखबारों में तीन दिन तक विज्ञापन छपवाया और लोगों से सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ी के सबूत मांगे, लेकिन ऐसे-ऐसे सबूत मिले हैं जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि सीजीएल परीक्षा को रद्द करवाने की एक साजिश रची जा रही है. उन्होंने बताया कि जितने भी तरह के डिजिटल एविडेंस पब्लिक के द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं उन सब का फोरेंसिक जांच करायी जा रही है.सीआईडी की जांच जारीडीजीपी ने बताया की परीक्षा में गड़बड़ी हुई है या नहीं इसकी जांच के लिए दो सीनियर आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ कई तेजतर्रार अफसरों को लगाया गया है. सच और झूठ का फैसला जरूर होगा, लेकिन जिस तरह से तथ्य सामने आ रहे है वो एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. डीजीपी के अनुसार जेएसएससी की शिकायत पर झारखंड सीआईडी ने मामले में दूसरी एफआईआर भी दर्ज की थी. वहीं रातू थाने में दर्ज केस को भी सीआईडी ने टेकओवर कर लिया था.विज्ञापन छपवाकर मांगे गए थे सबूतसीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक के आरोपों को लेकर सीआईडी ने आमलोगों और परीक्षार्थियों से सबूत मांगे थे. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि राज्य में विज्ञापन के जरिए आमलोगों तक सूचना पहुंचायी गई थी कि यदि किसी भी व्यक्ति के बाद पेपर लीक से जुड़े कोई साक्ष्य हो तो उसे सीआईडी को उपलब्ध कराएं. इन साक्ष्यों को भी जांच में शामिल किया जाएगा. विज्ञापन के बाद अब तक 65 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी है. सबकी फॉरेंसिक जांच करवायी जा रही है।
जेएसएससी की दलीलजेएसएससी के द्वारा सीआईडी में दर्ज करायी गई एफआईआर में बताया गया है कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल की परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा पूरी तरह कदाचार और पेपर लीक से मुक्त थी, लेकिन परीक्षा आयोजित होने के बाद कई लोगों ने जानबूझकर फर्जी वीडियो और तस्वीरें वायरल की.इससे पूर्व रातू थाने में भी एक एफआईआर दर्ज हुई थी. झारखंड सीआईडी अब दोनों ही एफआईआर की जांच एसआईटी के जरिए करा रही है. रातू थाने में सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर पहली एफआईआर राजेश कुमार के बयान पर दर्ज की गई थी. इस केस के अनुसंधानकर्ता अमर कुमार पांडेय बनाए गए थे. उन्हें भी सीआईडी की एसआईटी में शामिल किया गया है.एसआईटी का गठनसीआईडी डीआईजी के नेतृत्व में गठित एसआईटी जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक के आरोपों की जांच कर रही है. डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी का नेतृत्व सीआईडी डीआईजी संध्या रानी मेहता कर रही हैं. टीम में रांची पुलिस के अधिकारियों को भी रखा गया है. डीजीपी के द्वारा गठित एसआईटी में अध्यक्ष संध्या रानी मेहता, सदस्य सीआईडी एसपी निधि द्विवेदी, रांची ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल, रांची के मुख्यालय 1 डीएसपी अमर कुमार पांडेय, सीआईडी में प्रतिनियुक्त डीएसपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता को शामिल किया गया है.हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआरजेएसएससी सीजीएल परीक्षा में प्रकाश सिंह के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन ने आदेश दिया था कि परीक्षा में पेपर लीक के मामले में याचिकाकर्ता के द्वारा करायी गयी ऑनलाइन शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की जाए. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि परीक्षा के आयोजन के बाद 29 सितंबर को उन्होंने रांची पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी. कोर्ट ने आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जानकारी कोर्ट को दी जाए।