लोहरदगा : धनबाद के साथ-साथ लोहरदगा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के लेखा लिपिक (कैशियर) वरुण कुमार को ₹5000 रिश्वत लेते रंगे हाथ धर दबोचा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जुरिया निवासी शिकायतकर्ता सफेजुल अंसारी की शिकायत पर की गई।ACB के मुताबिक आंगनबाड़ी जीर्णोद्धार योजना के अंतिम भुगतान के लिए कैशियर वरुण कुमार ने शिकायतकर्ता सफेजुल अंसारी से 5,000 रुपये रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद ACB ने जाल बिछाया और लोहरदगा के विशेष प्रमंडल कार्यालय में वरुण कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे पूछताछ के लिए रांची ले जाया गया।
बता दें कि धनबाद के डीसीएलआर कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को धनबाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर ₹15000 घूस लेते रंगे हाथ दबोचा।
बताया जा रहा है कि पीड़ित ने एसीबी से जमीन संचिका आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत मांगने की शिकायत उनके खिलाफ की थी। शिकायत के वेरिफिकेशन में एसीबी ने शिकायत पाया। उसके बाद गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया और जैसे ही कंप्यूटर ऑपरेटर घूस की रकम पकड़ी. घात लगाई टीम ने उसे घर दबोचा. एसीबी के अधिकारी आगे जांच कर रहे है. संचिका खंगाल रहे है. इस घटना के बाद डीसीएलआर कार्यालय में हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार शिकायत कर्ता म्युटेशन का आवेदन रद्द हुआ था, फिर फाइल आगे बढ़ाने के लिए राशि मांगी जा रही थी.
ACB अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 2025 में रांची क्षेत्र का नौवां ट्रैप केस है। वरुण कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। ACB ने रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
ACB ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। इस घटना ने ग्रामीण विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार की गहरी पैठ को उजागर किया है। लोहरदगा के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल कार्यालय में इस तरह की रिश्वतखोरी की घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। ACB ने अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी चेतावनी दी है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
