काठमांडू : नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में राजधानी काठमांडू और कुछ अन्य इलाकों में सोमवार को युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके दौरान कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. काठमांडू में हालात को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को सेना को तैनात करना पड़ा.
काठमांडू में ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवा संसद भवन के सामने इकट्ठा हुए और प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए. नेपाली मीडिया के अनुसार इस हिंसक प्रदर्शन में 14 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, मौतों की आधिकारिक संख्या के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवाओं का प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।
नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि दो सुरक्षाकर्मियों समेत 42 लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज वर्तमान में काठमांडू के सिविल अस्पताल में चल रहा है. सैन्य अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है. हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया. यह विरोध प्रदर्शन दूसरे शहरों में भी फैल गया है।
काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन के आसपास के क्षेत्रों में अशांति को रोकने के लिए अपराह्न 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक निषेधाज्ञा लागू की. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में अपंजीकृत सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के अपने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि राष्ट्र को कमजोर किए जाने के प्रयास कभी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
