जमशेदपुर : जमशेदपुर में ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर ज़िला प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है। बिना हेलमेट, बिना PUC और बिना इंश्योरेंस चलने वाले आम नागरिकों पर भारी चालान किए जा रहे हैं। शहरभर में चेकिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं और लोगों को रोक-रोककर वसूली की जा रही है।

लेकिन इसी बीच एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है क्या प्रशासन खुद उन नियमों का पालन कर रहा है, जिनके लिए जनता पर सख़्ती की जा रही है?
शहर के सामाजिक संस्था राष्ट्रीय जनता संघ के अनुसार, शहर में कई प्रशासनिक बाइक और चारपहिया वाहन घूम रहे हैं जिनके पास न तो प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) है, न इंश्योरेंस, और कुछ गाड़ियों पर तो उचित नंबर प्लेट तक नहीं लगी हुई है। संस्था के संस्थापक शंकर जोशी का कहना है कि ये वाहन बिना किसी चेकिंग के खुलेआम सड़कों पर चलते हैं, जबकि आम जनता ज़रा-सी गलती पर भी चालान झेलती है।
अन्य सदस्यों का कहना है कि यह दोहरे मापदंड का मामला है। संस्थापक ने कहा, “हमसे कहा जाता है कि नियम मानो, लेकिन प्रशासन की गाड़ियाँ खुद ही नियम तोड़ रही हैं। अगर कानून सबके लिए बराबर है, तो सरकारी गाड़ियों पर भी वही कार्रवाई होनी चाहिए।”
शहर में कानून व्यवस्था तभी मजबूत मानी जाती है जब नियम लागू करने वाले खुद उन नियमों का पालन करें। यदि प्रशासन अपनी ही गाड़ियों पर PUC, इंश्योरेंस और नंबर प्लेट जैसी बुनियादी शर्तें पूरी नहीं करता, तो जनता पर की जा रही सख़्ती का नैतिक आधार कमजोर पड़ जाता है। राष्ट्रीय जनता संघ की मांग साफ है – पहले खुद नियमों में पारदर्शिता लाओ, फिर जनता को सख़्ती से अनुशासन सिखाओ।



