जमशेदपुर : जुगसलाई विधानसभा से तीन बार विधायक और झारखंड सरकार में दो बार मंत्री रहे दुलाल भुइयां ने झामुमो नेताओं मोहन कर्मकार और प्रमोद लाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की घोषणा की है। सोमवार को जमशेदपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व मंत्री ने दोनों नेताओं पर दलित समाज का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया और मामले को राजनीतिक साजिश बताया।
दरअसल, मोहन कर्मकार और प्रमोद लाल ने दुलाल भुइयां पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की है। दोनों नेताओं ने इस संबंध में सीतारामडेरा थाना में FIR भी दर्ज कराई है।इसी के साथ दुलाल भुइयां पर इलाके में अवैध जुआ, हब्बा-डब्बा और वेश्यावृत्ति जैसे अवैध गतिविधियों को संरक्षण देने के भी आरोप लगाए गए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री ने दोनों झामुमो नेताओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वे लगाए गए आरोपों को साबित करें।उन्होंने कहा—“अगर मुझ पर लगाए आरोपों का एक भी सबूत है तो सामने लाएँ, अन्यथा माफी माँगें। यह दलित समाज का अपमान है।”
दुलाल भुइयां ने विरोधियों को घेरने के लिए घाटशिला के पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा और JLKM नेत्री बेबी महतो द्वारा किए गए पुराने बयानों का भी जिक्र किया।उन्होंने पूछा कि—“जब उन नेताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ तीखी और अमर्यादित टिप्पणियाँ की थीं, तब मोहन कर्मकार और प्रमोद लाल कहाँ थे? तब इनका मुंह क्यों बंद था?”पूर्व मंत्री ने इसे दोहरे मापदंड वाला राजनीतिक हमला बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ सोची-समझी रणनीति के तहत माहौल बनाया जा रहा है।
यह पूरा विवाद पिछले दिनों भुईयां डीह क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा अवैध मकानों और दुकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई के बाद उभरा।दुलाल भुइयां ने उस समय एक टिप्पणी की थी, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तुलना “शैतान सोरेन” से करने का आरोप लगा था।हालांकि अब पूर्व मंत्री इस बयान से पीछे हटते दिखे।उन्होंने कहा—“मैंने मुख्यमंत्री को शैतान नहीं कहा था। मैंने सरकार की गलत कार्यशैली की तुलना शैतान से की थी।”
पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि वे झारखंड हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा और बिरसानगर थाना में हरिजन उत्पीड़न का केस दर्ज करने जा रहे हैं।उन्होंने इसे अपनी प्रतिष्ठा और समाज के सम्मान से जुड़ा मामला बताया।
