■ महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने ईडी से अधिवक्ता राजीव कुमार और सरयू राय के संबंधों की जांच की मांग की, बड़े पैसे के साथ कोलकाता में गिरफ्तार किए गए हैं राजीव कुमार।
जमशेदपुर। एक कहावत है- कंबल ओढ़ कर घी पीना। झारखंड के एक महाशय हैं, जिन्हें ईमानदारी का कंबल ओढ़ कर घी पीने में महारत हासिल है। वे हैं राज्य के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री एवं जमशेदपुर के वर्तमान विधायक सरयू राय। भारतीय जनता पार्टी की महानगर ईकाई अपने प्रेस कांफ्रेंस, ज्ञापनों आदि के माध्यम से राय महाशय के द्वारा किये गये घोटाले का पर्दाफाश करती रही है। तथा उनके घोटालों की जांच कर उन पर कार्रवाई की मांग करती रही है। भाजपा ने उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाये हैं वो तथ्यों पर आधारित है। कोरे आरोप नहीं है। उपरोक्त बातें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सह पश्चिम विधानसभा के प्रत्याशी देवेंद्र सिंह ने कही। वे रविवार को पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय के मंत्रीत्वकाल में ‘आहार पत्रिका’ के प्रकाशन तथा आउट बाउंड डायलिंग के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की शिकायत के आलोक में एसीबी द्वारा निगरानी से जांच की अनुमति मांगने पर प्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, जिला महामंत्री राकेश सिंह एवं जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा मौजूद थे। साकची स्थित जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में देवेंद्र सिंह ने कहा कि समाचार पत्रों एवं शोसल मीडिया आदि में आयी समाचारों में सच्चाई सामने आ गयी है। जैसा कि आप जानते हैं कि शिकायतकर्ता जी. कुमार के परिवाद संख्या 344/22, दिनांक 11-7 22 के आवेदन के आलोक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ए.सी.बी.) ने पाया कि प्रथम दृष्टया आरोप सही है। इसके बाद 14-9-2022 को इस संबंध में आदेश पारित कर, 19-2-2022 को इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश निर्गत करने का पत्र मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को भेजा। यह मामला लगभग दो माह से राज्य सरकार के पास लंबित है। विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि सीएम के सचिव विनय चौबे ने मुख्यमंत्री के पास फाइल भेजा ही नहीं। श्री राय जब खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री थे तब विनय चौबे ही विभागीय सचिव हुआ करते थे। समझा जाता है कि उन्हें यह आशंका रही होगी कि इस मामले की जांच हुई तो जांच की आंच उनतक भी आ सकती है।
समाचार पत्रों से मिली जानकारी में घोटाले के आरोपी सरयू राय ने कहा है कि उनके खिलाफ सीधे एफ.आई.आर. की जाये, अनुमति लेने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि माननीय विधायक को यह जानकारी होगी कि किसी भी जांच प्रक्रिया में जांच की विषय वस्तु संबंधित तथ्यों के बारे में जानकारी लेने एवं संबंधित व्यक्ति की संलिप्तता, साक्ष्य इकट्ठा करना जरूरी है, ताकि गुनाहगार नहीं बच सके। भाजपा मुख्यमंत्री से मांग करती है कि वे इस मामले में ए.सी.बी को तुंरत जांच करने की अनुमति दें। उन्होंने कहा कि 15 दिनों के भीतर यदि अनुमति नहीं दी जाती है तो भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर महानगर आंदोलन का मार्ग प्रशस्त करेगी।
वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि विगत कुछ दिनों से झारखंड राज्य की क्या स्थिति है वह किसी से छुपी नहीं है। नीत-प्रतिदिन लूट खसोट, भ्रष्टाचार के नये-नये मामले उजागर हो रहे हैं और इसी क्रम में जांच एजेंसी एवं ईडी के द्वारा भ्रष्टाचारियों को दबोचा जा रहा है। ईडी झारखंड में लगातार अनेकों लोगों को पूछताछ के लिए बुला रही है और सबुत के आधार पर भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथ दबोचने का भी काम कर रही है, जिसमें पिछले दिनों कोलकाता में कई शैल कंपनियों के मामले में पी.आई.एल. दाखिल करने वाले भ्रष्ट अधिवक्ता को एक बड़े पैसे के साथ पकड़ा गया, जो पूरा राज्य जानता है कि अधिवक्ता राजीव कुमार के विधायक सरयू राय के साथ मधुर ताल्लुकात और संबंध है। तभी तो उनके गिरफ्तारी के उपरांत सिवाय सरयू राय के अलावा राज्य की किसी व्यक्ति ने सुधि नहीं ली। ईडी को राजीव कुमार और सरयू राय के संबंधों के बारे में भी जांच करनी चाहिए।
महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने ईडी से मांग की है कि अधिवक्ता राजीव कुमार के मामले में जो जांच चल रही है, उसमें सरयू राय की भूमिका की भी जांच की जाये। सरयू राय को पता है कि राजीव कुमार ने मुंह खोल दिया तो उनका हश्र क्या होगा। गुंजन यादव ने राजीव कुमार और सरयू राय के कॉल डिटेल और व्हाट्सएप चैट की गहन जांच की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि जांच हुई तो इस राज्य के ब्लैकमेलिंग के कई नये मामले सामने आयेंगे।