पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ाते हुए उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है। अब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ संभालेगी।

रवि किशन से लगातार मीटिंग, राजनीतिक चर्चा तेज…..
इन दिनों तेज प्रताप यादव और बीजेपी सांसद व अभिनेता रवि किशन की मुलाकातें लगातार सुर्खियों में हैं। दोनों नेताओं की दो दिन के भीतर दूसरी मुलाकात हुई है। मुलाकात के दौरान रवि किशन ने तेज प्रताप के कान में कुछ कहा और फिर ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि “महादेव शंखनाद साथ में होगा।”
क्या तेज प्रताप बदल सकते हैं पक्ष ?…..
लगातार हो रही मुलाकातें राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर रही हैं। चर्चाएं हैं कि तेज प्रताप एनडीए में जा सकते हैं। हालांकि तेज प्रताप ने अभी इस पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि, “हम भी महादेव के भक्त हैं और वे भी।”
अलग पार्टी बना चुके हैं तेज प्रताप…..
पिता लालू यादव द्वारा पार्टी से बाहर किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वे इस चुनाव में महुआ विधानसभा सीट से मैदान में हैं।
बिहार विधानसभा चुनावों के बीच केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने तेज प्रताप यादव को Y-प्लस (Y+) श्रेणी की सुरक्षा देने का आदेश जारी किया है।
इस निर्णय के अनुसार उन्हें अब सुरक्षा-परिवर्तन के तहत अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान किया जाएगा — जिसमें केंद्रीय बलें शामिल होंगी (जैसे सीआरपीएफ)।
सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा स्थिति एवं जोखिम (थ्रेट एसेसमेंट) को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके आधार पर यह कदम उठाया गया।
सुरक्षा श्रेणी Y+ का अर्थ…..
Y+ श्रेणी की सुरक्षा में आमतौर पर लगभग 11 सशस्त्र कमांडो/चौकीदारी जवान तैनात किए जाते हैं।
इनमें से कुछ कर्मचारी स्थिर (स्टैटिक) रूप से VIP के घर और आसपास रह सकते हैं, जबकि अन्य घूम-घूम कर (मोबाइल ड्यूटी) सुरक्षा में लगे रहते हैं।
यह श्रेणी यह संकेत देती है कि संबंधित व्यक्ति को “विशेष सुरक्षा जोखिम” में माना गया है, और औसतन सामान्य VIP सुरक्षा (Y या Z श्रेणी) से एक कदम ऊपर है।
क्यों यह फैसला लिया गया ?…..
- सुरक्षा जोखिम की परसिप्शन: रिपोर्ट्स में तेज प्रताप की सुरक्षा को लेकर जोखिम की संभावना जताई गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय द्वारा यह सुरक्षा कवच बढ़ाया गया।
- चुनावी समय एवं सक्रिय राजनीति: तेज प्रताप चुनाव प्रचार में काफी सक्रिय हैं — उन्होंने जनशक्ति जनता दल नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाई है और महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
- राजनीतिक हलचल एवं संकेत: उनके हाल-फिलहाल में कुछ राजनीतिक मुलाकातें हुई हैं, जैसे कि रवि किशन से एयरपोर्ट पर, जिनसे राजनीतिक ब्रेकअप या गठबंधन के संकेत मिले हैं — ऐसी परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा बढ़ाए जाने को राजनीतिक सन्दर्भ भी मिलता है।
राजनीतिक मायने एवं संभावित असर…..
इस कार्रवाई को राजनीतिक स्टेज पर एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है — कि तेज प्रताप यादव को केंद्र द्वारा महत्वपूर्ण माना गया है, सुरक्षा-प्रोटोकॉल में बढ़ोतरी मिली है।
दूसरी ओर, इससे उनके राजनीतिक दायरे में बदलाव की अटकलें तेज हुई हैं — उदाहरण के लिए, “क्या वे किसी नए गठबंधन में जा सकते हैं?”, “क्या भाजपा या NDA-संबंधित दलों के साथ समीकरण बन रहा है?” जैसे प्रश्न उठ रहे हैं।
चुनावी समय में यह सुरक्षा कवच यह भी दर्शाता है कि राज्य में राजनीतिक एवं कानून-व्यवस्था संबंधी चुनौतीयाँ गंभीर हैं — ऐसे में नेताओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना पड़ रहा है।
चुनौतियाँ एवं सवाल…..
यह सुरक्षा कवच किस अवधि के लिए है — सिर्फ चुनाव प्रचार खत्म होने तक या स्थायी रूप से?
क्या यह फैसला मात्र सुरक्षा कारणों से है या इसमें राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा है?
अन्य राजनीतिक दलों का क्या प्रतिप्रभाव होगा — इसे पक्षपाती कदम माना जाएगा या निष्पक्ष सुरक्षा-निर्णय?
तेज प्रताप की अगली राजनीति क्या होगी — इस सुरक्षा के साथ उनकी भूमिका, गठबंधन विकल्प एवं सत्ता-लक्ष्य कैसे रूप लेगा?



