मोकामा : पूर्व विधायक और एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया है उसमें कहा है कि उन्हें मोकामा की जनता पर पूर्ण भरोसा है, और अब “चुनाव मोकामा की जनता खुद लड़ेगी. उन्होंने अपने संदेश की शुरुआत “सत्यमेव जयते” के साथ करते हुए जनता से विश्वास और समर्थन की अपील की।

बिहार की राजनीति में हलचल तेज….
अनंत सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वे दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में है. राजनीतिक हलकों में उनके इस वक्तव्य को जनता से जुड़ाव और चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
अनंत सिंह ने मोकामा की जनता से किया है सीधा संवाद…..
बयान के साथ उन्होंने सोशल मीडिया पर #MokamaNews, #BJP4IND, #JDU, #NitishKumar, और #NarendraModi जैसे हैशटैग का प्रयोग किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे एनडीए के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए मोकामा की जनता से सीधा संवाद स्थापित करना चाह रहे है.राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल को और अधिक रोचक बना सकता है।
पढ़े पूरी खबर विस्तार से….
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा विधानसभा सीट पर एक बार फिर बहुत कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार अनंत सिंह और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की वीणा देवी (सूरजभान सिंह की पत्नी) के बीच चुनावी लड़ाई है। अनंत सिंह को हाल ही में दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन इसके बाद अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, “अब चुनाव मोकामा की जनता लड़ेगी,” जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है। यह पोस्ट अनंत सिंह का जनता में विश्वास जताने और खुद को राजनीतिक साजिश का शिकार बताने का संकेत है।
मोकामा की जनता के बीच यह चुनाव बाहुबलियों के मध्य पुरानी प्रतिद्वंद्विता की लड़ाई है। अनंत सिंह लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनका प्रभाव मजबूत माना जाता है। उनकी गिरफ्तारी के बाद भी उनके समर्थकों में विश्वास बना हुआ है, और चुनाव में जनता के दम पर जीत हासिल करने की उम्मीद जताई जा रही है। इस चुनावी माहौल में तेजस्वी यादव भी मोकामा में प्रचार कर रहे हैं, जो वीणा देवी के समर्थन में हैं। कुल मिलाकर, मोकामा चुनाव क्षेत्र में इस बार बाहुबल नेताओं के बीच मुकाबला और भी तीव्र हो गया है, और अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद भी चुनाव की लड़ाई मोकामा की जनता के हाथों लड़ने का जज्बा सामने आया है।
इस घटना ने मोकामा और आसपास के इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, और इस सीट का चुनाव परिणाम बिहार की राजनीति में बाहुबल और जनशक्ति की स्वीकार्यता पर बड़ा संदेश देगा।



