नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि ईरान में 1,500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता की स्थिति में हैं और विदेश मंत्रालय से कहा कि उसे महज परामर्श जारी करने से आगे बढ़कर इन विद्यार्थियों की निकासी सुनिश्चित करने पर तत्काल काम करना चाहिए। कांग्रेस का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ईरान में भारतीयों से रविवार को कहा गया कि वे घबराएं नहीं, सावधानी बरतें और इजराइल द्वारा हमले के बाद देश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर तेहरान में भारतीय दूतावास के साथ उसके सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से संपर्क बनाए रखें।
क्या कह रहे पवन खेड़ा?
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ईरान में भारतीय छात्र मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जबकि आसमान से मिसाइलें गिर रही हैं। खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि उड़ानें निलंबित हैं, तेहरान के ऊपर हवाई क्षेत्र बंद है और इंटरनेट पहुंच बाधित हैं, 1500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता की स्थिति में हैं – निकासी या सुरक्षित क्षेत्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’
उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने एक सामान्य परामर्श जारी किया है, जिसमें छात्रों से ‘सतर्क रहने, सभी अनावश्यक गतिविधियों से बचने, दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो करने तथा स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने’ का आग्रह किया गया है। खेड़ा ने कहा, ”ईरान में छात्र संकट में फंसे हुए हैं क्योंकि भारतीय दूतावास की ओर से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है।”
निकालने के काम… प्रचार का अवसर
खेड़ा के मुताबिक, छात्रों का कहना है, ”कल रात के हमले के बाद हम सदमे में हैं। भारतीय दूतावास की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हमारे परिवार घबराए हुए हैं।’ उन्होंने दावा किया कि यह पहली बार नहीं है, जब भारतीय नागरिकों को विदेशी संकट के दौरान मदद की गुहार लगानी पड़ी है। खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘चाहे वह सूडान हो, यूक्रेन हो या अब ईरान, मोदी सरकार ने लोगों को निकालने के काम को प्रचार के अवसरों में बदल दिया है – देर से कदम उठाया, बहुत ज़्यादा बोला और बहुत कम किया, वह भी बहुत धीमी गति से।’