महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के कसबा बावडा में एक अनोखी घटना सामने आई, जिसने सभी को चौंका दिया। पांडुरंग उलपे नामक 65 वर्षीय बुजुर्ग को दिल का दौरा पड़ने के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। उनके परिजन उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से घर ले जा रहे थे। रास्ते में एम्बुलेंस एक स्पीड ब्रेकर पर जोरदार झटके के कारण उछली। इस झटके के बाद पांडुरंग के शरीर में हलचल हुई, जिसे देखकर परिजन चौंक गए। तुरंत उन्हें एक अन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच की और उन्हें जीवित पाया। इसके बाद पांडुरंग का इलाज लगभग पंद्रह दिनों तक चला। सोमवार को वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने पैरों पर चलते हुए घर लौटे।
घटना के बाद पांडुरंग ने बताया कि उन्हें ज्यादा कुछ याद नहीं है, बस सैर के बाद अचानक से तबीयत बिगड़ी और सब धुंधला हो गया। फिलहाल वह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। डॉक्टरों द्वारा गलत तरीके से मृत घोषित किए जाने की इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, जिस अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित किया था, उसने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में सावधानी और पुनः जांच के महत्व को रेखांकित करती है। साथ ही, जीवन की अनिश्चितता और चमत्कारिक घटनाओं की शक्ति को भी दर्शाती है।