चिकित्सकों ने बताया कि देश में सर्पदंश से हर साल 64 हजार लोगों की मौत हो जाती है. अकेले पश्चिम बंगाल में ही हर महीने सर्पदंश से 400-500 मौतें होती हैं. राज्य में पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, हुगली और हावड़ा जिले में सर्पदंश की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं. आम तौर पर अप्रैल से अक्तूबर के बीच पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों के लगभग सभी अस्पतालों में सर्पदंश के मरीज आते हैं. एक अस्पताल में तो एक महीने में कम से कम 50 मरीज भर्ती होते हैं. अस्पताल देर से पहुंचने के कारण इनमें से कई की मौत भी हो जाती है।
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