विशेष : सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने आज अहम् फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर पति पत्नी का रिश्ता इस कदर टूट गया हो, जिसमे सुधार की कोई गुंजाइश ना बची हो. तो पति पत्नी की आपसी सहमति से सुप्रीम कोर्ट को ये अधिकार होगा कि वह उस शादी को अमान्य कर तुरंत तलाक की मंजूरी दे सकती है. इसके लिए पति पत्नी को 6 महीने का लंबा इंतज़ार अब नहीं करना होगा. तुरंत तलाक की मंजूरी देने का अधिकार फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के पास होगा. फॅमिली कोर्ट में तुरंत तलाक की मंजूरी नहीं मिलेगी. जस्टिस एसके कॉल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की संवैधानिक पीठ ने ये अहम् फैसला सुनाया है।
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