जमशेदपुर : जमशेदपुर भाजपा के हड़पू गोत्र का क़ब्ज़ा कुटुम्ब झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के बन्ना दरबार में कल पहली बार नहीं गया था. इनका आना जाना वहाँ लगा रहता है. यह अलग बात है कि इस बार दरबार-ए-आम का फ़ोटो वायरल हो गया. इस कुटुम्ब ने भाजपा कदमा मंडल के कई वरिष्ठ नेताओं को भी बन्ना दरबार का स्थायी मुरीद बना दिया है।
पर हडपू गोत्र के क़ब्ज़ा कुटुम्ब की इस बार की हाज़िरी एक ख़ास मक़सद से थी. यह खास मक़सद है सिदगोडा के सूर्य मंदिर के सामने की सरकारी ज़मीन पर इस कुटुम्ब का क़ब्ज़ा फिर से करा देने का और जमशेदपुर के कतिपय इलाक़ों में कंपनी/ सरकार के भूखंडों पर क़ब्ज़ा कुटुम्ब के क़ब्ज़ों को बरकरार रहने देने का।
वैसे तो इस क़ब्ज़ा कुटुम्ब के विरूद्ध गत तीन वर्षों में राज्य सरकार से जारी कई आदेशों को, यहाँ तक कि अपनी जाँच के बाद निर्गत आदेशों को भी, जमशेदपुर पुलिस और प्रशासन लागू करना या तो भूल गया है या स्वास्थ्य मंत्री जी के पद-प्रभाव में शिथिल कर दिया है. विधायक सरयू राय के विधानसभा सवालों का उत्तर देने के लिये ज़िला पुलिस-प्रशासन ने ने जो उत्तर सामग्रियाँ सरकार को गत 3 वर्षों में भेजा है उसे भी इन्होंने संभवतः विस्मृत कर दिया है. भाजमो को यह याद है और इसकी याद दिलाते रहेंगे।
भाजपा के इस क़ब्ज़ा कुटुम्ब का तात्कालिक लक्ष्य छठ पर्व आयोजन के माध्यम से जनमानस मे यह धारणा फैलाने का है कि शंख मैदान और उसके सामने बने दो तालाबों से लेकर चिल्ड्रन पार्क तक की ज़मीन उनके क़ब्ज़ा में है और रहेगी. जबकि प्रशासन ने इन्हें स्पष्ट कर दिया है कि यह भूखंड सरकारी है, उस पर खड़ी समस्त संरचनाएँ सरकारी पैसे से बनी हैं और जमशेदपुर अक्षेस के क़ब्ज़ा में है. इसकी एक इंच पर भी कोई कार्यक्रम करना है तो इसके लिए ज़िला प्रशासन / अक्षेस की अनुमति ज़रूरी है. क़ब्ज़ा कुटुम्ब इस मामले में स्थानीय मंत्री से मदद माँग रहा है. यही चिरौरी लेकर क़ब्ज़ा कुटुम्ब कल बन्ना दरबार में हाज़िर हुआ. कारण कि स्वास्थ्य मंत्री भी इसी हडपू गोत्र के हैं. यह कब्जा कुटुम्ब माननीय मंत्री जी को याद दिलाने गया था कि उनकी छद्म हिन्दुवादी छवि का प्रचार करने के लिए कुटुम्ब ने कब कब उन्हें केसरिया पगड़ी पहनाया है और हाल ही में दुर्गा पूजा के समय नारियल फोड़वाकर फ़ोटो वायरल कराया है. तो उनका भी तो मददगार का दायित्व बनता है।
इसके अलावा मंत्री दरबारे-आम में हाज़िरी देने का एक और ख़ास मक़सद यह पैरवी कराने का था कि जमशेदपुर के बर्मा माइंस इलाक़े में कबाड़, एफसीआई अनाज, इंडियन ऑयल का तेल, रेलवे की संपत्ति, ठेका आदि के चोर-बाज़ार पर उनके संरक्षण में क़ाबिज़ शातिर समूह की दबंगई चलती रहे और पुलिस का जो भी कनीय-वरीय अधिकारी इन पर हाथ डालने की कोशिश करे उसे कहीं दूर दराज फेंक दिया जाए।
देखना है इन मामलों में मंत्री जी क़ब्ज़ा कुटुम्ब की कितनी मदद करते हैं और जमशेदपुर का पुलिस/ प्रशासन मंत्री जी के हस्तक्षेप को कितनी तरजीह देता है. नेताद्वे ने कहा की हम जमशेदपुर पुलिस और प्रशासन से यही माँग करते हैं कि वे नियम क़ानून का पालन करें और कराएँ, राजनीतिक गिरोहबाजों से भी यही करने के लिए कहें और विनम्र दृढ़ता के साथ उनके लोभ लाभ और ग़ैर क़ानूनी कारनामों का सामना करें।