जमशेदपुर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (जेपीसीबी) के सदस्य सचिव और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को कड़ी चेतावनी देते हुए आदेश दिया है कि वे सोनारी कचरा डंप में लगी आग को तत्काल बुझाने, प्रदूषण को नियंत्रित करने और इसके संबंध में एक व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करें। यह आदेश सरयू राय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। इसके साथ ही, एनजीटी ने इन अधिकारियों से 8 जनवरी 2025 तक एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी की सुनवाई और कार्रवाई की आवश्यकता
यह आदेश 11 दिसंबर 2024 को जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया गया। राय ने अपनी याचिका में बताया कि केएस उपाध्याय द्वारा दायर मूल याचिका और 5 अप्रैल 2023 को पारित एनजीटी का आदेश का पालन झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त ने नहीं किया है। इसके परिणामस्वरूप, सोनारी कचरा डंप में लगी आग से स्थिति और बिगड़ती जा रही है, और अब भी वहां कचरे के ढेर में आग लगी हुई है।
कचरे के ढेर में आग से बढ़ रहा प्रदूषण
सरयू राय ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया कि एनजीटी के आदेश के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। कचरे का ढेर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ रहे हैं। अब तक सोनारी कचरा डंप में लगी आग से क्षेत्रीय वातावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, जिससे नागरिकों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति विकराल हो गई है।
एनजीटी की अगली सुनवाई की तिथि 8 जनवरी 2025
इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2025 को कोलकाता बेंच में होगी, जहां अमित स्थालकर और डॉ. अरूण वर्मा की पीठ इस पर विचार करेगी। एनजीटी ने मामले में सभी संबंधित अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट देने का आदेश दिया है, ताकि कचरा डंप में लगी आग को जल्द से जल्द बुझाया जा सके और प्रदूषण की स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके।