जमशेदपुर। राज्य में झामुमो नीत गठबंधन सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर सूबे की मुख्य विपक्षी दल भाजपा हेमंत सरकार की नाकामियों को लेकर हमलावर हो गयी है। प्रदेश में हेमंत सरकार के चार वर्ष के शासनकाल को भाजपा ने फाइल, फोल्डर बॉस की सरकार बताते हुए सभी मोर्चों पर विफल बताया है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो-कांग्रेस और राजद गठबंधन सरकार के चार साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर महानगर ने शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में सरकार के चार साल की नाकामियां पर लंबी फेहरिस्त जारी की। बिस्टुपुर स्थित तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में चंदनकियारी के विधायक सह नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने हेमंत सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। इस दौरान भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, जिला महामंत्री राकेश सिंह, अनिल मोदी, जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा समेत भाजपा बिष्टुपुर मंडल के अध्यक्ष संजय तिवारी मौजूद रहे। प्रेस को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि हेमंत सरकार ने झारखंड की जनता साथ विश्वघात किया है। हेमंत सोरेन ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पांच लाख नौकरी देने, सात हजार रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने, तीन लाख रुपये का आवास देने, अनुबंध कर्मियों को स्थायीकरण करने सहित 1932 के खतियान के आधार पर नियोजन नीति बनाकर बहाली करने, पेंशन की राशि 3 हजार करने एवं चुल्हा खर्च 2 हजार प्रतिमाह जैसे कई वादे किये जो सिर्फ चुनावी मंच और घोषणापत्र में सिमट कर रह गए। अमर बाउरी ने कहा कि चार वर्षों में जहां एक ओर राज्य की जनता ने अराजकता, कुशासन, भ्रष्टाचार एवं अक्षम शासन को देखा है तो वहीं दूसरी ओर जनता ने एक ऐसे विश्वासघाती मुख्यमंत्री को देखा है, जिसने युवाओं, किसानों, महिलाओं एवं आदिवासियों के हितों पर लगातार प्रहार किया। राज्य में ऐसे मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं जो जनहित को ताक पर रखकर सिर्फ अपने और अपने परिवार के विकास में लगे हुए हैं। युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाने वाले हेमंत सरकार ने अबतक सिर्फ 357 नौकरी देने की बात विधानसभा में स्वीकार की है।
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि 23 वर्षों का झारखंड विकास बनाम विनाश की गाथाओं से भरा हुआ है। 23 वर्षों के शासन में लगभग 13 वर्ष तक एनडीए सरकारों ने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाकर विकास के पथ पर आगे बढ़ाया तथा राज्य में खुशहाली लायी, वहीं लगभग 10 वर्षों के यूपीए गठबंधन ने आकंठ भ्रष्टाचार फैलाकर राज्य को लुटने और कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चार साल में इस सरकार में जेएसएससी से तृतीय वर्ग में 7587 पदों पर नियुक्तियां हुई है। इसमें भी ज्यादातर कोर्ट के आदेश पर और पूर्ववर्ती सरकार के दौरान की है। 1932 पर मुख्यमंत्री का बयान खुद विरोधाभाषी है। कभी सदन में कहते हैं कि 1932 आधारित खतियान नीति बनाई गई तो कोर्ट में नहीं टिकेगा फिर उसी 1932 के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश करते हैं। 1932 खतियान विधयेक को पहले ही विधि विभाग ने अंसवैधानिक करार कर दिया था। राज्य सरकार ने इस राय को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ राजनितिक फायदे के लिए राजभवन भेज दिया।
अमर बाउरी ने कहा कि कथित अबुआ सरकार में जितना शोषण आदिवासी समाज का हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। पहले तो सोरेन परिवार ने झारखंड आंदोलन को बेचा। फिर राजधानी रांची से लेकर संथाल परगना तक आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ जमीने औने-पौने दामों में एवं डरा-धमकाकर हथिया ली। सीएनटी-एसपीटी एक्ट की सुरक्षा की बात करनेवाले सीएम हेमंत सोरेन ने इस कानून की धज्जियाँ उड़ा दी। सोरेन परिवार ने नाम बदल बदलकर रांची से लेकर दुमका तक पूरे झारखंड में आदिवासियों की जमीन लूटी है। आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री नहीं होती तो फिर सोरेन परिवार के नाम से जमीन के 108 डीड कहाँ से आये हैं। श्री बाउरी ने कहा कि महाजन प्रथा से लड़ते-लड़ते सोरेन परिवार आज राज्य के सबसे बड़ा महाजन बन गए। देश के इतिहास में पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने नाम पर अपनी कलम से खनन पट्टा आवंटित किया। राज्य सरकार द्वारा आदिवासी बेरोजगार युवाओं के लिए अरक्षित औधोगिक भूमि को अपनी पत्नी और परिजन के नाम आवंटित कर दिया। अमर बाउरी ने कहा कि प्रदेश में खनिज सम्पदाओं की खुली लूट मची है। सत्ता के संरक्षण में अवैध बालू खनन, खनिज संपदा की लूट और जंगल की अवैध कटाई जोरों पर है। राज्य में खनिज संपदा को हेमंत सरकार और उनके खास अधिकारी आपस में मिलकर दोनों हाथों से लूट रहे हैं। चार साल में सीएम हेमंत सोरेन भ्रष्टाचारियों, अपराधियों, जल-जंगल और जमीन लूटने वाले गिरोह के सरगना बन गए हैं।
अमर बाउरी ने क़ानून व्यवस्था पर हेमंत सरकार को घेरते हुए कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति भयावह हो गयी है। पूरे राज्य में लगातार हो रहे आपराधिक घटनाओं से अराजकता का माहौल व्याप्त हो गया है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं तो अपराधियों के मंसूबे सातवें आसमान पर हैं। जेल के अंदर हत्या हो रही है, जेल के बाहर पुलिसकर्मी की हत्या हो रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में 100 से अधिक दंगे और सबसे अधिक राजनीतिक हत्या झारखंड के नाम है। उन्होंने कहा कि झारखंड बढ़ते अपराध से जनता भयाक्रांत है। अमर बाउरी ने कहा कि अगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में झारखंड की जनता ऐसे विफल, निरकुंश और अकर्मण्य सरकार को उखाड़ फेंकेगी।