जमशेदपुर : जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत पश्चिमी घोड़ाबंधा ग्राम पंचायत में गणपूर्ति संख्या कोरम पूरा किये बिना फ़र्ज़ी ग्रामसभा करने के मामले में उपायुक्त ने जाँच का आदेश जारी किया है. डीसी के आदेश पर प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी (BPRO) इस मामले की जाँच करेंगे. भाजपा नेता अंकित आनंद ने बीते 8 अक्टूबर को ट्वीट और ईमेल के मार्फ़त जिला उपायुक्त को पश्चिमी घोड़ाबंधा पंचायत में ग्रामसभा के नाम पर चल रही गड़बड़ियों को लेकर शिकायत किया था. आरोप है कि पंचायत में चहेते लोगों को लाभ दिलाने के लिए कमीशन के आधार पर अभिकार्ता चयनित किये जाते हैं. ग्रामसभा आयोजन को लेकर व्यापक स्तर पर सूचना और प्रचार नहीं किया जाता है और मनमाने तरीके से चंद लोगों की उपस्थिति में ग्रामसभा की कार्रवाई पूर्ण कर ली जाती है. अवकाश के दिन जानबूझकर ग्रामसभा नहीं बुलाई जाती है ताकि कम लोगों की मौजूदगी रहे. योजनाओं के चयन और विमर्श के लिए ग्रामसभा नहीं बुलाई जाती है, केवल अभिकर्ता चयन के लिए ग्रामसभा का दिखावा होता है. आरोप लगाया था की बीते वित्तीय वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट भी ग्रामसभा में प्रस्तुत नहीं किये गये और ना ही उनपर चर्चा हुआ।मामले में शिकायतकर्ता भाजपा नेता अंकित आनंद ने बताया की प्रथम दृष्ट्या कमीशनखोरी और सरकारी पैसों के दुरूपयोग का मामला प्रतीत हुआ. शंका समाधान के लिए उपायुक्त के संज्ञान में मामले को लाया गया और उनसे हस्तक्षेप का निवेदन किया गया. डीसी ने संज्ञान लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी से मामले में रिपोर्ट तलब किया है. मामले की जाँच प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी करेंगे. अंकित आनंद ने बताया की बीपीआरओ ने दूरभाष द्वारा जाँच के आशय में बताया और पक्ष जाना. आरोपों के समर्थन में जरूरी साक्ष्य मुहैया कराया गया है और आगे जो भी दस्तावेजी साक्ष्यों की माँग होगी उपलब्ध कराई जायेगी. भाजपा नेता अंकित आनंद ने कहा की कोई पंचायत प्रतिनिधि यह गलतफहमी में ना रहे की उन्हें मनमानी करने की पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
बीते दो वित्तीय वर्षों में पंचायत में हुए कार्यों की ऑडिट करने से कई वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार उजागर होने की संभावना है. गणपूर्ति कोरम पूरा किये बिना किसी भी बैठक को “ग्रामसभा” की संज्ञा नहीं दी जा सकती. कार्यसंस्कृति में सुधार को लेकर कई बार पंचायत सचिव और मुखिया को अवगत कराया गया, लेकिन चहेते अभिकर्ताओं को लाभ पहुंचाने की ज़िद में सुधार की दिशा में कोई पहल नहीं हुआ. अंकित आनंद ने कहा की बीपीआरओ की जाँच अगर सही दिशा में जाये तो कई भ्रष्टाचार उजागर होंगे।