जमशेदपुर : 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लागू आपातकाल के विरोध में भाजपा जमशेदपुर महानगर ने रविवार को काला दिवस मनाया। बिस्टुपुर स्थित तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव की अध्यक्षता में आपातकाल को भारतीय इतिहास का सबसे काला अध्याय बताते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण को स्मरण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो समेत शहर के विशिष्ट एवं प्रबुद्धजन मुख्यरूप से सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के दौरान इमरजेंसी पर बनी डॉक्यूमेंट्री का प्रस्तुतिकरण किया गया। डॉक्यूमेंट्री में कांग्रेस शासनकाल में जब आपातकाल लगाया गया तो किस तरह से लोगों की आजादी को छीना गया और देश के हालात कैसे थे, किस प्रकार से लोगों को यातनाएं दी गयी। इन सब बातों को प्रमुखता से दर्शाया गया।
इन अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि देशवासी आजादी के बाद जितने हर्षित थे, सन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए तानाशाह आपातकाल के बाद काफी मायुस हुए। कांग्रेस वह पार्टी है जिसने देश में आपातकाल लगाया था, उन्होंने देश में संविधान को नष्ट करने का पाप किया। लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय को याद करते हए पार्टी ने काला दिवस मनाया। आज के युवाओं को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस देश के लिए कितनी खतरनाक है। उन्होंने आपातकाल में भारतीय जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के योगदान को अविस्मरणीय बताया। उन्होंने कहा कि उन दिनों आंदोलन में सबसे ज्यादा जेल जाने और यातनाएं सहने वाले जनसंघ के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक थे। कहा कि आपातकाल थोपकर कांग्रेस ने लोकतंत्र पर कुठाराघात किया। उस समय इंदिरा गांधी के सबसे बड़े सलाहकार संजय गांधी के गलत निर्णय के कारण देशभर में लोगों को जबरदस्ती पकड़कर नसबंदी कार्यक्रम को चलाया गया। जिसमें हजारों लोगों की जान चली गयी।
सांसद ने विद्युत महतो ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र का मखौल उड़ाया है। भारतीय लोकतंत्र में 25 जून 1975 का वह काला दिन कांग्रेस की निरंकुशता के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा। कांग्रेस की तानाशाही के कारण एक तरफ जहां देश के विरोधी दलों के लोकप्रिय नेताओं को जेल जाना पड़ा। वहीं, पूरी दुनिया में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को शर्मसार किया गया।
भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र में शासन जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा किए जाने वाला है। परंतु 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता के मोह में और खुद को सबसे ताकतवर बनाने के लिए देश में आपातकाल लगाया था। ये भारतीय लोकतंत्र के बुनियाद पर सबसे गहरी चोट थी, जब आपातकाल के दौरान जनता पर बेइंतहा जुल्म ढाए गए और प्रेस की आजादी भी छीन ली गई। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में कभी ना मिटने वाला दाग है। उन्होंने कहा कि आपातकाल को याद रखना भी जरूरी है ताकि मालूम रहे है कि कांग्रेस पार्टी सत्ता प्राप्ति के लिए किस हद तक जा सकती है।
भाजपा झारखंड विधि विभाग के प्रदेश संयोजक राजेश शुक्ल ने कहा कि आपातकाल भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे बड़ी त्रासदी साबित हुई। उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस, चौधरी चरण सिंह, मोरारजी देसाई, नानाजी देशमुख, अरुण जेटली समेत कई नेताओं के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि इनके संघर्ष और देशव्यापी आंदोलन ने कांग्रेस की तानाशाही सरकार को सत्ता से बेदखल कर पुनः देश मे लोकतंत्र बहाल की।
कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन जिला महामंत्री अनिल मोदी ने किया।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा, भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक राजेश शुक्ल, पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, राजन सिंह, कुलवंत सिंह बंटी, नवल किशोर बर्णवाल, मंजीत सिंह, नीलू मछुआ, जितेंद्र रॉय, कौस्तव राय, सुरेश शर्मा, संदीप शर्मा बौबी, अमरेंद्र पासवान, हेमेंद्र जैन, प्रशांत बनर्जी समेत अन्य मौजूद रहे।