जमशेदपुर : चक्रधरपुर से लापता दो आदिवासी बच्चों का मामला धर्मांतरण से बदल कर आरोप -प्रत्यारोप का रूप लेता जा रहा है. धर्मांतरण के आरोपी पास्टर चंद्रमोहन राजू राव ने संवाददाता सम्मेलन कर बताया है कि उन्होंने दोनों आदिवासी बच्चों का धर्मांतरण नहीं करा है. बल्कि उसके मां द्वारा अपनी बेटी से जबरन वेश्यावृत्ति कराया जा रहा था. जिसके कारण दोनों बच्चियां भाग गई थी. इस संबंध में उन्होंने कोल्हान के डीआईजी से मिलकर अपनी पूरी बातें रखें है. जिसके आधार पर डीआईजी ने दोनों बच्चियों को पुलिस अभिरक्षा में ले लिया है।
पत्र के अनुसार…जो पत्र में लिखा गया है…..
मैं पास्टर के0 चन्द्रमोहन राजु राव विगत दिनों की घटना के बारे बताना चाहता हूँ कि दिनांक 08/05/2023 को चक्रधरपुर निवसी सुश्री के0 अंजली लागुरी एवं अंशिका लागुरी।पिता- स्व० महावीर।लागुरी पता- क्वार्टर नं० एफ0 21/ 2. गैंगकोली, चक्रधरपुर पोस्ट एवं थाना-चक्रधरपुर, जिला पश्चिमी सिंहभूम, झारखण्ड की इनदोनों बच्चियों को के० अंजली एवं के० अंशिका को उसकी माता-फुलकुमारी लागुरी एवं उनकी मौसी-नितिमा कुमारी जोजो, तुलसी गोप तथा उसकी बहन मंजु हेस्सा के द्वारा वैश्यावृति तथा गलत रास्ते में ढ़केला जा रहा था, और यहाँ तक कोशिश किया गया कि इन्हें जहर पिलाकर मारने की कोशिश भी की गई, यह इसलिये किया गया कि अंजली एवं अंशिका ने उनके गलत कामों में साथ नहीं दिया तथा उसी दिन (08/05/2023) को अपनी मर्जी से अपने घर से दोनों बच्चियाँ अंजली एवं अंशिका इसी कारण घर छोड़कर भाग गई।
दिनांक (09/05/23) को श्रीमती फुलकुमारी ने मुझे (राजु राव) को फोन कर अपनी बेटियों के बारे पूछने लगी जिसके बारे मुझे कुछ पता नहीं था। फिर (10/05/2023) को के० अंजली एवं उसकी बहन अंशिका ने मुझे फोन कर बतलाया कि घर मैं उनके साथ क्या हो रहा था। अतः उनके परिवार के द्वारा मेरे उपर झूठा धर्मातरण एवं अपहरण का मामला दर्ज करा दिया गया है जो कि इनदोनों बच्चियों को चाईबासा बस स्टैण्ड में समाचार पत्र के द्वारा पता चला और दोनों बच्चियों ने दूसरे के मोबाईल से मुझे इत्तिला दिया जिसके बारे में मुझे कुछ पता ही नहीं था।
जब पता चला तो मैं पत्नी माता के साथ कोल्हान डी०आई०जी० साहब अजय लिंडा के सामने उन बच्चियो को पहुॅचने बोला और दोनों बच्चियों ने उनके साथ जो बिता था डी०आई०जी० साहब के सामने अपना पूरा बयान जो कि कटु सच्चाई था दर्ज कराया। और उनके मद्देनजर सब कुछ देखने और सुनने के बाद (Supervision) मुझे बोला गया कि आप अपने घर जाईयें और दोनों बच्चियों को अंजली और अंशिका को डी०आई०जी० साहब के नेतृत्व में पुलिस ने अपने संरक्षण में ले लिया।