जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम अस्पताल में सोमवार को शंकोसाई का रहने वाला एक पिता अपने झुलसे हुए बच्चे को लेकर पहुंचा। लेकिन पिता बच्चे के इलाज के लिए घंटों इधर-उधर दौड़ता रहा। डॉक्टर से विनती करता रहा। लेकिन उसका इलाज इसलिए नहीं शुरू हो सका क्योंकि एमजीएम अस्पताल में कोई दवा नहीं थी।
बताते हैं कि काफी देर बाद चंदन नामक एक अन्य युवक ने अपने पैसे से बाहर से दवा खरीद कर ला कर दी। तब जाकर बच्चों का इलाज शुरू हो सका। यूं तो एमजीएम अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है। एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक और उप अधीक्षक दावा करते हैं कि अस्पताल में पर्याप्त दवाएं हैं। ऐसे में अगर झुलसे हुए बच्चे का इलाज नहीं शुरू हो सका तो यह जांच का विषय है।
यह पूरा मामला एमजीएम अस्पताल के प्रबंधन पर सवालिया निशान है। लोगों का कहना है कि जब युवक अपने बेटे को लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंचा तो बच्चे की स्थिति काफी खराब थी। बच्चा रो रहा था। वह काफी जल गया था। लेकिन डॉक्टरों ने उसे देखने के बाद कहा कि इमरजेंसी में कोई मरहम या दवा नहीं है। युवक से कहा गया कि वह बाहर से दवा लाए तब इलाज शुरू होगा। लेकिन युवक के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बाहर से दवा ला सके।
युवक रो-रो कर गिड़गिड़ाता रहा। लेकिन, एमजीएम अस्पताल में दवा नहीं होने की वजह से बच्चे का इलाज शुरू नहीं हो सका था। इस मामले में एमजीएम अधीक्षक से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई मगर, उनसे बात नहीं हो सकी।