जमशेदपुर : युवा समाजसेवी सागर तिवारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के “उनके रहते आदिवासियों का अहित नहीं होगा” वाले इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि. मुख्यमंत्री को क्लियर करना चाहिए कि उन्हें केवल आदिवासियों का ही वोट चाहिए. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शायद भूल रहे हैं कि राज्य में भोजपुरी, मगही, आंगिक, मैथिली, उड़िया, पंजाबी, बंगाली भाषा भाषियों की बड़ी आबादी है जो राज्य के मतदाता भी हैं. सागर तिवारी ने बताया कि राज्य में सिर्फ एक ही समाज नहीं रहता है. यहां गढ़वा, पलामू, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, साहिबगंज, गोड्डा सहित सभी 24 जिलों में आदिवासियों के अलावे दूसरे समुदायों के लोग भी निवास करते हैं. राज्य के मुखिया को कभी उनके विषय में बोलते नहीं सुना गया है. हालांकि अन्य झारखंड नामधारी दलों के साथ राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं का भी यहां निवास कर रहे दूसरे समुदायों को लेकर भी ऐसी ही धारणा है. श्री तिवारी ने कहा कि इन दलों के नेताओं को साफ करना चाहिए कि यदि राज्य के दूसरे समुदायों का वोट चाहिए तो उनके विषय में भी सोचें और अपनी नीति में उन्हें शामिल करें।