जमशेदपुर : डॉक्टर बी प्रधान और गिरफ्तार अशोक सिंह की पत्नी का मेल-जोल बढ़ रहा था. अशोक की पत्नी के साथ डॉक्टर प्रधान की अधिक बातचीत होती थी. मना करने के बाद भी पत्नी डॉक्टर के साथ बात करती थी. यह अशोक को अच्छा नहीं लगता था. दोनों के बीच मेल मिलाप को देख कर अशोक के मन में ईष्या की भावना पैदा हो गयी. इस कारण अशोक ने साथी रविशंकर और समीर के साथ मिलकर डॉक्टर का अपहरण कर उसे डराने और फिरौती लेने की योजना बनायी. यह जानकारी रिमांड के दौरान पूछताछ में अशोक और रवि ने पुलिस को दी. सोमवार को तीन दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद गोलमुरी डॉक्टर पुलिस ने अशोक सिंह और रविशंकर सिंह को जेल भेज दिया. उसके एक अन्य साथी समीर को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
यह है पूरा मामला…..
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक सिंह की पत्नी साकची स्थित एक क्लिनिक में काम करती थी. जहां डॉ बी प्रधान मरीजों की जांच करने आते थे. डॉ प्रधान के आने-जाने से लेकर मरीज का नंबर लगाने का काम अशोक की पत्नी करती थी. इस कारण डॉ प्रधान और अशोक की पत्नी के बीच बातचीत होती थी. काम के दौरान दोनों में ज्यादा बात होने के कारण डॉक्टर प्रधान अशोक की पत्नी का भी ध्यान रखते थे।
इस दौरान क्लीनिक के कार्यक्रम में दोनों ने फोटो भी खिंचवाये थे. अशोक की पत्नी घर जाने पर भी डॉक्टर प्रधान के बारे में ज्यादा चर्चा करती थी. स्टेटस पर डॉक्टर के साथ वाली तस्वीर पोस्ट करती थी. डॉक्टर की अच्छी बातों को पति अशोक को भी बताती थी. इसके बाद अशोक पत्नी के मोबाइल और स्टेटस की जांच करने लगा. दोनों की एक साथ फोटो देख कर उसके मन में ईर्ष्या पैदा होने लगी. उसके बाद अशोक ने अपनी पत्नी को कई बार नौकरी छोड़ने को कहा, लेकिन उसने नौकरी नहीं छोड़ी. अशोक को पत्नी और डॉक्टर पर कुछ शक होने लगा. इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर डॉक्टर को डराने और फिरौती के लिए योजना बनायी।
पुलिस सूत्रों की माने तो अशोक सिंह ने डॉक्टर बी प्रधान को डराने और फिरौती वसूलने की योजना बनायी. रविशंकर को इसलिए बुलाया कि वह शरीर से बलवान है. डॉक्टर को पकड़ने में आसानी होगी. पहले उसने रविशंकर को जमशेदपुर बुलाया. उसने रविशंकर को पूरे मामले की जानकारी दी. फिर दोनों ने मिल कर समीर को गाड़ी चलाने के लिए बुलाया. फिर तीनों ने बैठ कर योजना बनायी कि अशोक और रविशंकर डॉक्टर को उसी की क्रेटा कार में बैठाने का काम करेगा. उसके बाद समीर गाड़ी चलायेगा. घटना के वक्त समीर भी मौके पर मौजूद था. लेकिन योजना फेल होता देख वह मौके से फरार हो गया।
छानबीन के दौरान पुलिस को शक हुआ कि अगर दोनों अपहरण करने में लगे थे तो गाड़ी कौन चलाता. पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने समीर का नाम पुलिस को बताया. इसके बाद दोनों के निशानदेही पर समीर को पकड़ा गया. जांच के दौरान दोनों के सीडीआर में कई बार समीर से बातचीत की बात भी सामने आयी है. अशोक ने पुलिस को बताया कि वह सिर्फ डराने और अपहरण कर बड़ी रकम फिरौती के रूप में वसूलने के उद्देश्य से ही डॉक्टर का अपहरण करने की सोची थी।
पति-पत्नी में होता रहता था बराबर झगड़ा….
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक सिंह ने प्रेम विवाह किया था. प्रेम विवाह के बाद उसने अपनी पत्नी को गांव में ससुराल में रहने की बात कही थी. लेकिन शादी के कुछ दिनों के बाद ही उसने गांव में रहने से साफ इंकार कर दिया. उसके बाद वह अपने मायके जमशेदपुर आ गयी. जमशेदपुर आने के बाद वह नौकरी कर रही थी, लेकिन अशोक को उसका नौकरी करना पसंद नहीं था. इस कारण से अशोक उसे कई बार नौकरी छोड़ने को कहा. उसने नौकरी नहीं छोड़ी. इसके अलावा भी कई बातों को लेकर दोनों के बीच अनबन होने लगी थी. उसी दौरान गार्ड की नौकरी करने के कारण अशोक ओडिशा में गार्ड की नौकरी करने चला गया था. उस दौरान उसे पत्नी के बारे में कई जानकारी मिलती थी. जिससे उसके मन में ईर्ष्या की भावना पैदा होने लगी थी।