जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन के निवर्तमान अध्यक्ष संदीप मुरारका ने मारवाड़ी समाज के लोगों और अग्रवाल सम्मेलन के सदस्यों के नाम एक अपील जारी की. उन्होंने बताया कि धर्मचंद्र पोद्दार ने अनुमंडलाधिकारी, धालभूम, पूर्वी सिंहभूम के न्यायालय के पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन के विरुद्ध एक शिकायत दर्ज करायी है, जो बेबुनियाद, झूठी, भ्रामक, काल्पनिक और पूर्णतः नकारात्मक है. शिकायतकर्ता धर्मचंद्र पोद्दार से पूछा जाना चाहिए कि वे अग्रवाल सम्मेलन के सदस्य कब बने? तब से लेकर आज तक वे संस्था में किस किस पद पर रहे? क्या वे कभी भी अध्यक्ष /महासचिव /कोषाध्यक्ष / उपाध्यक्ष अथवा सचिव रहे? क्या कभी किसी कार्यक्रम के संयोजक के रुप में उन्होंने अपनी सेवाएं दी? संस्था द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में उनका क्या योगदान रहा? संस्था के आयोजनों में उनकी कितनी सहभागिता रहती है? पिछले दस वर्षों में क्या उन्होंने संस्था में दस रूपये का अनुदान दिया है? पिछले दस वर्षों में क्या वे संस्था से एक सदस्य को भी जोड़ पाए हैं?
शिकायतकर्ता धर्मचंद्र पोद्दार ने अपने पत्र में केवल नकारात्मक बातें लिखी हैं. उनकी एक आंख में काजल और दूसरे में सुरमा है. समाज में एक और संस्था है “पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन”, जिसके महासचिव एवं कोषाध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है. धर्मचंद्र पोद्दार ने उस विषय में कभी कुछ नहीं लिखा. जबकि उस संस्था के व्हाट्सप्प ग्रुप में वे पूर्ण सक्रिय रहते हैं. वे उस व्हाट्सप्प ग्रुप में अग्रवाल सम्मेलन के विरुद्ध जमकर लिखते रहते हैं. जबकि उसी संस्था की कमियां उन्हें नहीं दिखती. यह बात उनके हिडन एजेंडा का घोतक है. दिनांक 29.11.2024 को तो उन्होंने पूरे समाज को निशाने पर लेते हुए लिख दिया कि – “जमशेदपुर के मारवाड़ी समाज के लोगों में शर्म – हया नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.” उसी दिन एक अन्य व्हाट्सप्प मैसेज में उन्होंने लिखा था – “जाइये अब झंडू बाम लगाइये”. दिनांक 28.11.2024 को उन्होंने लिखा था कि “समाज को चूल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.” दिनांक 27.11.2024 को उन्होंने समाज के सम्मानित सदस्यों को “समाज के धृतराष्ट्र” जैसे शब्दों से संबोधित किया था।
किसी भी सामाजिक संस्था की गतिविधि पर रोक लगवाना और बैंक खाते को फ्रिज कराना बहुत आसान है, किंतु निस्वार्थ सामाजिक गतिविधियों का संचालन बहुत कठिन है. संदीप ने कहा कि वे धर्मचंद्र पोद्दार जी का आह्वान करते हैं कि समाज में कई ऐसी संस्थाएं हैं जहां वर्तमान में ना कोई कमिटी है, ना कार्यक्रम हो रहे हैं, ना वर्षों से आमसभा हुई है, ना चुनाव हो रहे हैं. आप वैसी संस्थाओं को चिन्हित करें, उनमें किसी एक में अध्यक्ष पद पर आएं और सकारात्मक काम कर के दिखाएं. उदाहरण के लिए जुगसलाई अवस्थित श्री कुंजीलाल गिन्नीबाई धर्मशाला, मारवाड़ी धर्मशाला, जगतबंधु सेवासदन पुस्तकालय, राजेंद्र पुस्तकालय इत्यादि. बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि साकची अवस्थित राजस्थान विद्या मंदिर भी ऐसे ही किसी तत्कालीन धर्मचंद्र पोद्दार के झूठे आरोपों के चलते समाज के हाथ से निकल गया था।
संदीप मुरारका ने कहा कि आय व्यय का ब्यौरा एवं बैंक खाता पूर्णतः पारदर्शी है. किसी प्रकार का कोई गबन नहीं हुआ है. उपलब्ध राशि पहले से जिस बैंक खाते में थी, आज भी वहीं है, किसी अन्य खाते में कोई ट्रांसफर नहीं हुआ है. शिकायतकर्ता द्वारा लगाया गया आरोप पूर्णतः असत्य है. संदीप मुरारका ने समाज बंधुओं एवं अग्रवाल सम्मेलन के सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा कि इस विषय में समाज की विभिन्न 15 संस्थाओं के अध्यक्ष एवं अग्रवाल सम्मेलन के पूर्व अध्यक्षों की बैठक बुलाई जाए. तीनों पक्ष उनके समक्ष अपनी अपनी बातों को रखें. समाज जो निर्णय ले, सबको स्वीकार हो. इसी के साथ इस विवाद का अंत हो।