जमशेदपुर : झारखंड में JBVNL द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। भाजपा युवा नेता अंकित आनंद ने हेमंत सोरेन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल उठाया है कि क्या स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को वादा किया गया 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिल पाएगी या फिर यह सिर्फ एक ‘स्मार्ट ठगी’ है?

उन्होंने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से श्वेत पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की और तंज कसते हुए कहा “जनता ने 200 यूनिट फ्री बिजली के नाम पर गठबंधन सरकार को वोट दिया था, लेकिन अब JBVNL स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता की जेब स्मार्ट तरीके से काटने की तैयारी में है। स्मार्ट मीटर बाद में, पहले स्मार्ट जवाब दीजिए।”
उन्होंने यह भी पूछा कि जब जमशेदपुर के GM कार्यालय में JBVNL खुद टाटा पॉवर की बिजली का उपभोग कर रहा है, तो आम जनता को JBVNL की बिजली क्यों दी जा रही है? क्या GM भी JBVNL के पॉवर कट से तंग आ चुके हैं?
अंकित आनंद ने सुझाव दिया कि राज्य भर में पुराने मीटर और स्मार्ट प्रीपेड मीटर का डेमो कैंप लगाकर आम जनता के बीच भ्रम दूर किया जाए। उन्होंने ट्वीट कर JBVNL के MD को निर्देश देने को कहा है कि सभी जिलों में GM स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
उन्होंने जिला प्रशासन से भी आग्रह किया कि जमशेदपुर में ‘दोहरे संविधान’ की व्यवस्था समाप्त की जाए। “कंपनी कमांड क्षेत्र में टाटा की बिजली, बाकी क्षेत्र में JBVNL — ये कौन-सा संवैधानिक प्रयोग है? जनता को चाहिए स्मार्ट बिजली, ना कि स्मार्ट मीटर की साजिश।” जिला उपायुक्त और मुख्यमंत्री से सवाल किया कि, टाटा पॉवर के उपभोक्ताओं को सरकार कि 200 यूनिट तक मुफ़्त बिजली योजना का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है, इसकी जाँच हो।
अंत में उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा — “अगर स्मार्ट मीटर जरूरी है, तो क्यों ना पूरा जमशेदपुर ही टाटा पॉवर को दे दिया जाए? कम से कम जनता को 24 घंटे बिजली तो मिलेगी।”