जमशेदपुर। भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना सावन का आगमन होने वाला है। 22 जुलाई को सोमवार से पवित्र सावन की शुरुआत होगी। इस बार सावन 29 दिनों का है। एक ओर जहां श्रावण मास में लौहनगरी जमशेदपुर के सभी शिवालयों में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा से की जाती है। तो वहीं, सावन के तृतीय सोमवारी पर सिदगोड़ा स्थित सूर्यधाम के शिवालय में प्रत्येक वर्ष हजारों शिवभक्त पूरे भक्तिभाव के साथ सामूहिक रूप से जलाभिषेक करते हैं। सुर्य मंदिर के बड़े और भव्य कार्यक्रमों में शामिल जलाभिषेक यात्रा को इस बार मंदिर समिति ने भी विशेष बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में सूर्य मंदिर समिति की द्वारा सोमवार को एक प्रेस वार्ता सिदगोड़ा स्थित मंदिर परिसर के सभागार में सम्पन्न हुई। प्रेस वार्ता में सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, रूबी झा, बंटी अग्रवाल, कृष्णमोहन सिंह समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सूर्य मंदिर समिति के द्वारा प्रत्येक वर्ष पवित्र श्रावण मास के तृतीय सोमवार को सूर्य मंदिर के शिवालय में जलाभिषेक का आयोजन भव्य रूप से किया जाता है। जिसमें जमशेदपुर शहर अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के हजारों शिवभक्त बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं। इस बार मंदिर समिति ने श्रावण मास के पूरे 29 दिन शिवभक्तों को बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराने की तैयारी की है। भगवान शिव की आराधना करने वाले वैसे सभी श्रद्धालु जो 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की कामना रखते हैं। लेकिन किसी कारणवश वे नहीं पहुंच पाते हैं, वैसे सभी भक्तों के लिए सूर्य मंदिर परिसर में स्थित आध्यात्मिक स्थल शंख मैदान में बारह ज्योतिर्लिंगों के स्वरूप के दर्शन कराने की तैयारी की गई है। इसको लेकर समिति जोर शोर से तैयारियां कर रही है। उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर समिति ने जलाभिषेक यात्रा की व्यापक सफलता के लिए अलग-अलग लोगों को जिम्मेदारी दी है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जलाभिषेक यात्रा के लिए सोमवार 5 अगस्त को प्रातः 6 बजे से श्रद्धालु बारीडीह हरि मंदिर मैदान में एकत्रित होंगे जहां स्वर्णरेखा नदी में पंडितों के समूह द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जलाभिषेक का संकल्प कराया जाएगा। इसके पश्चात, हजारों की संख्या में शामिल श्रद्धालु कतारबद्ध होकर सूर्य मंदिर शिवालय के लिए प्रस्थान करेंगे। जलाभिषेक यात्रा में भक्तिमय संगीत, विशालकाय शिवलिंग, आकर्षक झांकी, घोड़े एवं सजे रथ, केसरिया ध्वज लिए युवाओं की टोली आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
वहीं, सूर्य मंदिर के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि पवित्र श्रावण मास के तृतीय सोमवारी को जलाभिषेक यात्रा ऐतिहासिक और भव्य रूप में सम्पन्न होगी। इसके लिए समिति के तमाम सदस्यगण जुट गए हैं। चंद्रगुप्त सिंह ने प्रेस वार्ता में सूर्य मंदिर परिसर के शंख मैदान में प्रस्तावित निर्माण कार्य को अनुचित बताते हुए कहा कि शंख मैदान में मंदिर समिति का वर्ष भर कोई ना कोई धार्मिक आयोजन होता है। ऐसे में इसमें किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य और चबूतरा निर्माण करने से मैदान स्वाभाविक रूप से संकुचित हो जाएगा। चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि पुर्वी के विधायक उनपर एवं समिति के पदाधिकारी पर सूर्य मंदिर के छह एकड़ जमीन को कब्जा करने की बात कहते हैं। ऐसा बयान राजनीतिक महत्वकांक्षा से प्रेरित है। एक तो सूर्य मंदिर परिसर छह एकड़ में नही है। तो क्या विधायक जी सूर्य मंदिर की परिधि में स्थापित सोन मंडप, यात्री निवास, टाउन हॉल, टाउन हॉल मैदान को छेंक लेने की बात कर रहे हैं। ये सभी छह एकड़ में हो सकते हैं। तो क्या विधायक सरयू राय इन सबको छेंक लेने की बात कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो उन्हें स्पष्ट बताना चाहिए कि मैंने अथवा किस पदाधिकारी व सदस्यों ने मंदिर परिसर के कौन से जगह को कब्जा करके अपना बना लिया है। सूर्य मंदिर परिसर भी पिछले 25 साल से वैसे ही सुरक्षित मौजूद है। ऐसी गलत बयानबाजी कर लोगों को गुमराह करने के प्रयास से उन्हें बचना चाहिए।
सूर्य मंदिर परिसर के चिल्ड्रन पार्क, स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट निर्माण का समिति ने कभी नही किया विरोध:
चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि सूर्य मंदिर समिति ने मंदिर परिसर में ही बने चिल्ड्रन पार्क, स्विमिंग पूल, नया तोरण द्वार और बास्केटबॉल कोर्ट जैसे निर्माण कार्य पर कभी किसी प्रकार की आपत्ति अथवा विरोध नही जताया है। शंख मैदान ही एकमात्र जगह है जहां सूर्य मंदिर समिति के सभी धार्मिक अनुष्ठान एवं आयोजन सम्पन्न होते हैं। शंख मैदान को खाली भी इसी उद्देश्य से रखा गया है कि इसमें होने वाले आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित रह सके और कार्यक्रम में भी कोई बाधा उत्पन्न ना हो। किसी निर्माण से ना केवल मैदान का स्वरूप छोटा होगा बल्कि इसमें सफलतापूर्वक होने वाले दर्जनों आयोजनों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा, जो सुरक्षा दृष्टिकोण से भी उचित नही है।
बाउंड्री वाल को तोड़नी की बात झूठ, वास्तु शास्त्र के जानकार के निर्देश पर ग्रिल को बगल में शिफ्ट किया गया
संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि विधायक सरयू राय कहते हैं कि मंदिर समिति ने दीवार बनाया फिर दीवार तोड़ दिया। उन्हें इस मामले की भी पूरी जानकारी नही है। वहां दीवार नहीं बल्कि ग्रिलनुमा गेट लगाई गई थी। परंतु वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञों ने सूर्य के रथ के घोड़े के ठीक सामने में स्थित अवरोध को अनुचित और अशुभ बताया। उन्होंने कहा कि सूर्य के रथ को रोकना शुभ नही माना जायेगा। इसपर समिति ने सामने के ग्रीलनुमा गेट को हटाकर बगल में शिफ्ट कर दिया। लेकिन इसमें किसी भी विधायक/सांसद का फंड नही लगा है। ये मंदिर समिति के खुदके खर्च से बनाया गया।
पूरे श्रावण मास बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराएगी सूर्य मंदिर समिति: बारह ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव के श्री सोमनाथ, नागेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, घृष्णेश्वर, काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, बैद्यनाथ, रामेश्वरम और मल्लिकार्जुन के प्रारूप को आध्यात्मिक स्थल शंख मैदान में आकर्षक रूप से दर्शाया जाएगा।
अरघा से रहेगी जलार्पण की व्यवस्था: श्रद्धालुओं की भीड़ और व्रतधारी श्रद्धालुओं के सहूलियत हेतु बाबा बैधनाथ धाम की तर्ज पर सूर्य मंदिर के सिद्धेश्वर धाम शिवालय में अरघा के माध्यम से जलार्पण की जाएगी। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं के द्वारा शिवालय में जलार्पण करते विडीयो का लाइव प्रसारण दो बड़े एलईडी स्क्रीन पर किया जाएगा। व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण में सूर्य मंदिर समिति के दो सौ से अधिक स्वंयसेवक तैनात रहेंगे। जलार्पण के पश्चात आध्यात्मिक स्थल शंख मैदान में श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद वितरण किया जाएगा। यहां प्रसाद वितरण एवं पेयजल के अलग-अलग काउंटलगाए जाएंगे।
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