जमशेदपुर : आदित्यपुर के गुडविल होटल में सामाजिक संस्था श्री शनिदेव भक्त मंडली में कार्यप्रणाली के संचालन में गड़बड़ी को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया जिसमे मंडली के कार्यप्रणाली को लेकर मंडली के भूतपूर्व अध्यक्ष और संस्थापक सदस्य रंजन प्रदीप ने मंडल पर कई गम्भीर आरोप लगाए और उसका प्रमाण भी मीडिया के सामने रखा। इन आरोपो में मुख्य रूप से
1)ट्रस्ट के खाता बही का आज तक ऑडिट नहीं कराया गया तथा पैन कार्ड भी सही नहीं है।
2)ट्रस्ट के खाता से पैसे का बंदरबाट लगातार किया जा रहा है जिसमें लोन के नाम पर सिर्फ कुछ सदस्यो को मदद दी जा रही है यह मदद करंट अकाउंट में भी दिया जा रहा है।
3)पदाधिकारी का चयन या तो मनोनयन के आधार पर होता है या फिर व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा जो की बिल्कुल अवैध है।
4)एक से ज्यादा खाता वर्तमान में अभी मंडली द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसकी कोई जरूरत नहीं है।
5)आज तक मंडली गठन के बाद कभी भी ट्रस्टी की बैठक नहीं की गई है।
6)मंडली द्वारा एकत्रित धनराशि को जिन जरूरतमंद परिवारों में दी जानी है इसका निर्धारण भी संरक्षक द्वारा ही किया जाता है इसको लेकर कोई कमेटी या कोई बैठक नहीं होती है।
7)बहुत से ऐसे परिवारों को मदद के नाम पर धनराशि उपलब्ध करवाई गई है जिनकी उन्हें जरूरत ही नहीं थी और यह सन्देह के घेरे पर है।
8)किसी भी पर अधिकारी ट्रस्टी या सदस्य के द्वारा जब खाता का हिसाब किताब मांगा जाता है तो उसके साथ संरक्षक द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है मंडली से बाहर निकाले जाने की धमकी दी जाती है और बैठक में मारपीट तक की घटना को अंजाम दिया जाता है इसका ताजा उदाहरण 30 जून की मासिक मीटिंग है।
ट्रस्ट के तथाकथित कार्यालय में समाज सेवा के नाम पर चित फंड और एलआईसी जैसे कारोबार का संचालन भी संरक्षक द्वारा किया जा रहा है. इस बैठक में मुख्य रूप से पूर्व अध्यक्ष रंजन प्रदीप, पूर्व सह कोषाध्यक्ष और ट्रस्टी गणेश विश्कर्मा, पूर्व उपाध्यक्ष और ट्रस्टी धीरेन्द्र प्रसाद, पूर्व कोषाध्यक्ष अंकित शुभम, राजू प्रसाद, मनोज कुमार, विश्वनाथ महतो आदि उपस्थित थे।
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