जमशेदपुर : आदिवासी हो समाज युवा महासभा कि ओर से साकची स्थित भगवन बिरसा मुंडा जी के प्रतिमा के समक्ष खरसावां गोलीकांड शहीदों के बरसी के पूर्व संध्या पर 101 दिप प्रज्वलित (जला)कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
शहीदों के बरसी के पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि अर्पित कर आदिवासी हो समाज युवा महासभा के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुरा बिरुली ने कहा कि आजादी का जश्न अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि झारखंड के खरसावां गोलीकांड ने एक बार फिर जालियांवाला बाग हत्याकांड की फिर याद दिला दी. दरअसल आज से करीब 75 वर्ष पूर्व एक जनवरी 1948 को हुई इस घटना में बड़ी संख्या में आदिवासी मूलनिवासी शहीद हो गये थे. सैकड़ों लोगों की खून से खरसावां का हाट मैदान लाल हो गया था. आदिवासी नेता जयपाल सिंह ने खरसावां व सरायकेला को ओड़िशा में विलय करने के विरोध में खरसावां हाट मैदान पर एक विशाल जनसभा का आह्वान किया था।
इस जनसभा में कोल्हान समेत कई इलाकों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. रैली के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी तैनात किये गये थे. लेकिन, किसी कारणवश जनसभा में जयपाल सिंह नहीं पहुंच सके.ये जगह आज शहीद बेदी व हाट मैदान शहीद पार्क में तब्दील चुकी है. इस गोलीकांड की घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया. झारखण्ड राज्य अलग हुए 24 वर्ष होने के वावजूद आज तक खरसावां के शहीदों को उचित सम्मन नहीं मिला, जमशेदपुर से भी हजारों कि संख्या में 1 जनवरी को खरसावां के शाहिद बेदी पर श्रदांजलि अर्पित करने जायेंगे।
श्रदांजलि कार्यक्रम में सुरा बिरुली, रवि सावैया, निकिता बिरुली, राजश्री नाग, अनील गगराई, बया मंडल,अजय पिंगुआ, अरमान उग्रसुडी, माईकल देवगम, कुसुम पूर्ति, शम्भु मुखी, राजकुमार हेंब्रम, दुर्गा मूनी, विजय बारी, बबलू खालको, दीपक रणजीत,काजू सांडिल, संगीता समाड, गुरुचरण मुखी, साधु बनरा, राय सिंह बिरुवा, बादल लागुरी, संजू बिरुवा आदि थे।