RANCHI : झारखंड में बर्ड फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है. बता कें बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटरनरी कॉलेज स्थित पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू फैलने के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के मिशन निदेशक अबु इमरान की ओर से सभी सिविल सर्जन को पत्र भेजकर जरूरी एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए जिलास्तर पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है।
टीम तय गाइडलाइन के अनुसार इंसानी मामलों में बीमारी की पुष्टी होने पर उच्च जोखिम वाले समूहों को जरूरी दवाइयों के साथ इलाज करेगी। इसे लेकर यह भी चेतवानी दी गई कि संक्रमित पक्षियों , मुर्गियों , गिनी फाउल के संपर्क में आनेवाले किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है। इसे लेकर जारी निर्देशों में बीमारी को अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग बताते हुए एपिक सेंटर के 10 किमी की परिधि में पाये जानेवाले पक्षियों की निगरानी के निर्देश दिये गये हैं. हाई रिस्क वाले इन्फ्लूएंजा मरीजों को लक्षण के उभरने के बाद 10 दिनों के लिए इंसानी आबादी और मोहल्लों से दूर एक अलग स्थान पर निगरानी के साथ अलग रखने के निर्देश दिये गये हैं।
यदि इस तरह के लक्षण या केस कहीं पाये जाते हैं, तो क्लिनिकल सैंपल लेने को कहा गया है. प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मामलों की सक्रिय निगरानी करने को कहा है।
इंसानों को किया जाएगा क्वारंटी
वहीं इंसानों में एच5एन1 इन्फ्लूएंजा की पुष्टी के लिए क्लिनिकल सैंपल इन्फ्लूएंजा लैब भेजा जाएगा, रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को भेजे सैंपल की जांच और रिपोर्टिंग होगी. संपर्क वाले सभी मामलों को घर में ही क्वारंटीन किया जाएगा। ग्रामीणों के क्वारंटीन पर मामलों के आधार पर दिशा –निर्देशों के आधार पर तय किया जाएगा. इसकी निगरानी के लिए खास निर्देश दिए गए है. इस संबंध में भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त का पत्र एनएचएम को भेजा गया है जिसमें एहतियात बरतने के साथ कई बिदुंओ पर निर्देश दिए गए है।
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