गढ़वा। झारखण्ड के गढ़वा में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की ओर से आयोजित खतियान जोहार कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी स्टार कलाकार अक्षरा सिंह के साथ बदसलूकी की गयी,जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।उस दौरान भगदड़ में कई कुर्सियां भी टूट गई। वहीं कुछ लोगों को चोट भी आई है।जानकारी के अनुसार सीएम के कार्यक्रम जैसे ही खत्म हुआ स्टेज पर भोजपुरी गायिका अक्षरा सिंह पहुंची।उसी दौरान वहां उपस्थित लोगों ने शोर मचाते हुए कुर्सियां तोड़ दी।उसके बाद पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया। कार्यक्रम के बाद जैसे ही अक्षरा सिंह जाने लगी उसी दौरान वहां उपस्थित भीड़ ने उनके साथ बदसलूकी कर दी। जिसके बाद उनके सहयोगी ने जैसे तैसे उन्हें निकाल कर ले गए।
वहीं ख़तियानी जोहार कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अक्षरा सिंह के कार्यक्रम नहीं होने से भारी संख्या में पहुँचे लोग नाराज हो गए।लोगों ने कार्यक्रम स्थल पर लगी कुर्सी को तोड़ डाला।आयोजित सांंस्कृति कार्यक्रम में भोजपुरी की स्टार कलाकार अक्षरा सिंह थोड़ी देर से पहुंची। इस कारण उनका कार्यक्रम मुख्यमंत्री के आने के पूर्व नहीं कराया जा सका। मुख्यमंत्री के जाने के बाद जब अक्षरा सिंह का सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया जाने लगा, तो उस दौरान लोग शोर मचाते हुए कार्यक्रम स्थल स्टेज के समीप आने की होड़ करने लगे। लोग आपस में ही टकराकर गिरने लगे।लोगों के हुड़दंग को देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्च से कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गयी।
इसी दौरान अक्षरा सिंह के जाने के दौरान कुछ लोगों ने उनके साथ बदसलूकी और हुटिंग भी किया. लोगों ने उन्हें छूने की भी कोशिश की।जैसे-तैसे अक्षरा सिंह को बाहर निकाला गया। इसके अलावा अन्य कलाकारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया
बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व स्टेज पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये थे। इस दौरान भोजपुरी गायिका निशा उपाध्याय, झारखण्ड स्टार कुणाल तिवारी, गायिका ममता राउत, गायिका अमृता दीक्षित और गायिका पायल बनारसी जैसे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी थी।उस दौरान भी बीच-बीच में कई बार दर्शकों के हुड़दंग की वजह से कार्यक्रम को रोक देना पड़ा था।
वहीं आक्रोशित लोगों का कहना था कि अक्षरा सिंह की कार्यक्रम होने की सूचना लोगों को दिया गया था। लेकिन कलाकारों के द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं कराया गया बल्कि सरकार के कार्यक्रम संबोधन के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि कलाकारों का कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं करवाना था तो कलाकार को यहाँ आना ही नहीं था। कलाकारों के नाम पर भीड़ बढ़ाने की जरूरत नहीं थी।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा है कि “जिन कलाकारों के बदौलत हेमंत सोरेन जी अपनी रैलियों में भीड़ जुटाने का प्रयास कर रहे हैं,खुद उन कलाकारों को भी सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं। सोचिए जब एक मेहमान कलाकार भी यह कह जाती है कि “कोई व्यवस्था ही नहीं है” तो सोचिए आम आदमी का क्या होगा? बाकी पूरा गढ़वा अब भी अस्त व्यस्त है।”