रांची : जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय का घेराव करने जा रहे छात्रों के साथ पुलिस की भिड़ंत हुई जिसमें कई छात्र घायल हुए हैं. कुछ देर के लिए रणभूमि में तब्दील नामकुम बाजार में आंदोलनरत छात्र और पुलिस के बीच जमकर टकराव होता रहा. इस दौरान छात्र नेता देवेंद्र महतो एवं कुछ अन्य छात्रों पर पुलिस ने बीच सड़क पर जमकर लाठी भांजी और घसीटते हुए गाड़ी में बिठाकर थाना ले गई।
इतना ही नहीं राज्य के विभिन्न जिलों से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय घेराव करने पहुंचे परीक्षार्थियों को पुलिस ने जबरन यहां से हटाया. एटीएम लॉ एंड ऑर्डर ने इस कार्रवाई का कमान खुद संभाल रखा था, साथ ही ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी. पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार छात्र दिन के करीब 12 बजे नामकुम बाजार स्थित मैदान पहुंचे जिसकी भनक प्रशासन को मिली और उसके बाद कार्रवाई का दौड़ शुरू हुआ।
छात्रों में जबरदस्त नाराजगी, आंदोलन तेज करने की दी धमकीपुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए छात्रों ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी है. हजारीबाग से आए छात्र नेता मनोज कहते हैं कि जिस जगह पर छात्र एकत्रित हुए थे, वहां निषेधाज्ञा नहीं लागू किया गया था. प्रशासन के द्वारा जबरन छात्रों को हटाया गया और कुछ छात्रों को घसीटते हुए पुलिस की गाड़ी में बिठाया गया है।
पुलिस लाठी चार्ज के कारण से कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं. छात्र नेता देवेंद्र महतो को जिस तरह से पुलिस के द्वारा पीटा गया है उससे साफ लगता है कि प्रशासन किस तरह से ज्यादती कर रही है. छात्र जीतू कुमार कहते हैं कि इस परीक्षा में जिस तरह से गड़बड़ी हुई है और जबरन सरकार के पदाधिकारी इसे थोपना चाहते हैं वह कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. छात्रों का आंदोलन कम होने के बजाय और आगे बढ़ेगा।
गौरतलब है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा काफी जदोजहद के बाद बीते 21 और 22 सितंबर को राज्य भर में सीजीएल परीक्षा 2023 आयोजित किया गया था, जिसमें प्रश्न पत्र लीक होने के साथ-साथ कई तरह की गड़बड़ियां होने का आरोप लगाते हुए इस परीक्षा को रद्द करने की मांग छात्र कर रहे हैं. छात्रों की मांग को देखते हुए सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं इसके बावजूद छात्र मान नहीं रहे हैं और इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. इन सब के बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 16 दिसंबर से इस परीक्षा में चयनित परीक्षार्थियों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम शुरू किया है जिससे आंदोलनरत छात्रों की नाराजगी बढ़ गई है।