जमशेदपुर : राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त PFI व सहयोगी संगठनों पर भारत सरकार द्वारा 5 वर्ष का प्रतिबंध लगाने पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं माननीय गृहमंत्री अमित शाह का हार्दिक अभिवादन। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई की गतिविधियां शुरू से ही संदिग्ध रही है। झारखंड के संथाल परगना में हमारे समय में पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियां को देखते हुए हमारी सरकार ने 2018 में उस पर प्रतिबंध लगाया।
खुफिया विभाग से मिली सूचनाओं के अनुसार पीएफआई का आतंकी संगठनों से सांठगांठ रही है।राष्ट्र विरोधी गतिविधियों इनकी संलिप्तता पाई गई थी। झारखंड में सबसे पहले संथाल के क्षेत्र में पीएफआई ने अपने पैर जमाने के प्रयास किए। पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा जिले में संगठन ने अपने हजारों सदस्य बनाए। संगठन के सदस्य खुलेआम देश विरोधी बातें करते रहे थे। एक समुदाय विशेष के युवाओं को संगठित कर उन्हें देश और विशेष लोगों के खिलाफ कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। इस संगठन से विधि व्यवस्था और लोक शांति भंग होने और सांप्रदायिक विद्वेश और कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा था। इससे विधि-व्यवस्था संभालने में परेशानी होने के साथ-साथ लोक शांति के लिए संकट उत्पन्न हो गया था। कुछ तकनीकी खामियों के कारण हाईकोर्ट ने इस प्रतिबंध को निरस्त कर दिया। फिर हमारी सरकार ने इसकी समीक्षा कर और उन तकनीकी खामियों को दूर कर 2019 में फिर से पीएफआई पर बैन लगाया। जिसके बाद से झारखंड में पीएफआई बैन है।
हमारी सरकार के समय पीएफआई समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई हुई, लेकिन जब से राज्य में हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार आई है पीएफआई के प्रति सरकार के ढीले रवैए या कहें मौन समर्थन से पीएफआई संथाल परगना से मजबूत होकर अब प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों में भी तेजी से पैर पसार रहा है। अभी हाल ही में खुफिया विभाग की सूचना के अनुसार पंचायत चुनाव में पीएफआई समर्थित कई उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं। अब पीएफआई पर देशव्यापी प्रतिबंध से उम्मीद जगी है कि झारखंड में भी उनकी गतिविधियां अब थम जाएंगी। मैं फिर से भारत सरकार को इस साहसिक निर्णय के लिए साधुवाद देता हूं, आभार व्यक्त करता हूं।