“झारखंड में एक बार फिर तेजी से सियासी समीकरण में बदलाव देखने को मिल रहा है। हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद सियासी हलकों में नेतृत्व परिवर्तन की बात कही जा रही है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के 3 जुलाई को तय कार्यक्रम अचानक रद्द हो गए, जबकि सभी मंत्रियों और विधायकों को रांची में रहने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं”
रांची : झारखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा तय है। चुनाव के पहले एक बार फिर से राज्य में सत्ता परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की ओर से 3 जुलाई बुधवार को सत्तापक्ष के विधायकों की बैठक सीएम आवास पर बुलाई गई है। वहीं मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने 3 जुलाई को तय अपने सारे कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। 3 जुलाई को सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक में नेतृत्व परिवर्तन पर मुहर लग सकती है। वहीं दूसरी चर्चा यह भी है कि हेमंत सोरेन सभी सहयोगी विधायकों से आगामी विधानसभा चुनाव और उनके जेल में रहने के दौरान उपजे राजनीतिक हालात पर चर्चा कर सकते हैं।
फिलहाल इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा होनी है, उसे लेकर कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी और माले विधायक कुछ भी स्पष्ट जानकारी देने से बच रहे हैं, लेकिन सभी यह स्वीकार कर रहे हैं बुधवार को होने वाली बैठक कोई साधारण मीटिंग नहीं है। 31 जनवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के पहले ही भी ठीक इसी तरह से एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी विधायकों से हस्ताक्षर लेने के बाद चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
झारखंड में क्यों शुरू हुई हेमंत सोरेन पार्ट-3 सरकार की चर्चा?….
31 जनवरी 2024 को ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। हेमंत सोरेन ईडी के हिरासत में ही राजभवन पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया था और चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। चंपाई सोरेन ने जब मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तो उन्होंने कहा था- ‘उनकी सरकार हेमंत सोरेन पार्ट-2 की सरकार है।’ अब अचानक सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक बुलाए जाने के बाद हेमंत सोरेन पार्ट-3 सरकार की चर्चा शुरू हो गई।
हेमंत सोरेन संभालेंगे कमान या कल्पना को मिलेगी जिम्मेदारी?….
झारखंड में सत्ता पक्ष के विधायकों की अचानक बुलाई गई बैठक के बाद जहां एक बार फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा शुरू हो गई। वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ अभी कोर्ट में मामला चल रहा है, उन्हें जमानत मिली है। वो अभी मामले में बरी नहीं हुए हैं, ऐसी स्थिति में हेमंत सोरेन खुद सीएम बनने की जगह अपनी पत्नी को कमान सौंप सकते हैं। हालांकि हाईकोर्ट से जिस टिप्पणी के साथ हेमंत सोरेन को जमानत मिली है, उससे उनका मनोबल काफी बढ़ा है और वो खुद भी कमान संभाल लेते हैं, तो कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगी। दूसरी तरफ हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद लोकसभा चुनाव और गांडेय विधानसभा उपचुनाव में जिस तरह से कल्पना सोरेन ने इंडिया अलायंस के पक्ष में चुनावी सभा और बैठकें की, उसे देखकर कल्पना सोरेन की स्वीकार्यता भी इंडिया अलायंस में बन सकती है।
सीएम चंपाई सोरेन के तय कार्यक्रम अचानक स्थगित…..
सत्ताधारी विधायक दल की बैठक को लेकर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के 2 और 3 जुलाई के कई तय कार्यक्रम अचानक स्थगित हो गए। मुख्यमंत्री 2 जुलाई को उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन मैदान में कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने वाले थे। फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत 25 हजार से ज्यादा महिलाओं के बीच 24 करोड़ रुप्ये का ऋण भी वितरित करना था। इस कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। बारिश को लेकर भव्य पंडाल बनाया गया था। सीएम की अनुपस्थिति में मंत्री बसंत सोरेन ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं 3 जुलाई को सीएम चंपाई सोरेन को झारखंड गो सेवा आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेना था, लेकिन वो कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बुधवार को रांची में 1500 पीजीटी शिक्षकों को भी नियुक्ति पत्र देने वाला थे, इस कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है।
कांग्रेस के सभी विधायकों और मंत्रियों को भी बुलाया गया….
3 जुलाई को होने वाली बैठक में कांग्रेस के भी सभी विधायकों को सीएम आवास बुलाया गया है। वहीं बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी बुधवार सुबह रांची पहुंच रहे हैं। सभी मंत्रियों को भी इस बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। बैठक में आरजेडी और भाकपा-माले विधायक को भी बुलाया गया हैं। इसे लेकर जेएमएम के पदाधिकारियों की ओर से सभी को सूचना भेज दी गई। वहीं हेमंत सोरेन भी कांग्रेस और आरजेडी के आला नेताओं से बातचीत कर चुके हैं।
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