चाणक्य शाह की कलम से : राजनीतिक में सब जायज है। कभी दोस्त दुश्मन और कभी दुश्मन भी दोस्त बन जाता है। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन और इधर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के समर्थन के बहाने अमित शाह से हेमंत सोरेन की मुलाकात ने झारखंड के राजनीतिक गलियारे का पारा मानसून के मौसम में भी सातवें आसमान ला खड़ा किया है। हर किसी के जुबान पर महाराष्ट्र सत्ता परिवर्तन और अमित शाह और हेमंत सोरेन की मुलाकात चर्चा का विषय बना हुआ है। झारखंड में अगर ऐसा हुआ तो इसमें चौकने वाली बात नहीं है। क्यों की भाजपा उलटफेर करने के लिए माहिर मानी जाती है। इसके पहले कर्नाटक और मध्य प्रदेश के राजनीति में भाजपा अपना सरकार बनाकर साबित कर चुकी है कि उलटफेर सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं होता बल्कि भाजपा राजनीति के मैदान में भी ऐसा करने का मादा रखती है। खैर बात कुछ भी हो ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा की हेमंत सोरेन की सरकार अपना बचा हुआ कार्यकाल पूरा करेगी या उससे पहले झारखंड की राजनीति में नया भूचाल उत्पन्न होगा।
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