धनबाद। घाटशिला उपचुनाव को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। JLKM के अध्यक्ष और डुमरी विधायक जयराम महतो ने पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन पर पार्टी को टारगेट करने का गंभीर आरोप लगाया है। धनबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर बार JLKM के बैनर तले कोई आयोजन होते ही प्रशासन नोटिस थमाने में जुट जाता है, जबकि अन्य दलों के नेताओं को ऐसी कोई कार्यवाही नहीं झेलनी पड़ती।

सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचे डुमरी विधायक और JLKM प्रमुख जयराम महतो ने मीडिया से बातचीत के दौरान घाटशिला उपचुनाव को लेकर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “पूर्वी सिंहभूम प्रशासन लगातार JLKM को निशाना बना रहा है। जब भी हमारी पार्टी किसी इलाके में कोई सभा या रैली करती है, तुरंत नोटिस जारी कर दिया जाता है।”
महतो ने कहा, “कुछ दिन पहले मैंने घाटशिला में एक रोड शो किया था। गाड़ी के बोनट पर चढ़कर जनता से अभिवादन किया, तो डीसी कार्यालय से तुरंत नोटिस भेज दिया गया। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या घाटशिला के उपायुक्त ने कहीं अलग जगह से ट्रेनिंग ली है? अगर सभी अफसर एक ही संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, तो फिर हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन, तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गाड़ियों की छत या बोनट पर चढ़कर प्रचार करते हैं, तो उन्हें नोटिस क्यों नहीं मिलता?”
उन्होंने इस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि झारखंड में केवल JLKM को निशाना बनाया जा रहा है। महतो ने कहा, “बिहार में भी चुनाव हो रहे हैं, वहां ऐसी स्थिति नहीं दिखती। लेकिन झारखंड में जैसे ही हम जनता के बीच जाते हैं, प्रशासन हमें नोटिस थमा देता है।”
जयराम महतो ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि “यह सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हम सत्ता के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। झारखंड में अगर कोई विपक्ष की भूमिका निभा रहा है, तो उसे परेशान किया जा रहा है। प्रशासन को निष्पक्ष रहना चाहिए, लेकिन यहां प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि JLKM प्रदेश में जनता की आवाज उठाने और असली मुद्दों पर राजनीति करने के लिए प्रतिबद्ध है। “हम डरने वाले नहीं हैं, अगर नोटिस देना है तो दें, लेकिन जनता के बीच जाना बंद नहीं करेंगे।



